हाउ इंडिया लेंड्स वित्त वर्ष 24 की रिपोर्ट के अनुसार, मूल्य के हिसाब से गृह ऋण 40.1% हिस्से के साथ सबसे आगे

 

नई दिल्ली। भारतीय क्रेडिट ब्यूरो, क्रिफ हाई मार्क ने आज अपनी प्रमुख रिपोर्ट हाउ इंडिया लेंड्स का चौथा संस्करण लॉन्च किया। रिपोर्ट पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024) के उपभोग ऋण, एमएसएमई ऋण और माइक्रोफाइनेंस ऋण पर गहराई से चर्चा करती है, जिसमें उद्योग और उपभोक्ता रुझानों की प्रमुख अंतर्दृष्टि पर जोर दिया गया है।
उपभोक्ता ऋण श्रेणी में गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण, दोपहिया ऋण, वाहन ऋण, उपभोक्ता वस्तुएं ऋण और क्रेडिट कार्ड शामिल हैं। एमएसएमई ऋण में इकाई और व्यक्तिगत ऋण शामिल हैं। इकाई एमएसएमई ऋण को ₹50 करोड़ तक के इकाई-स्तरीय ऋण जोखिम के आधार पर परिभाषित किया जाता है। व्यक्तिगत एमएसएमई ऋणों में व्यवसाय ऋण, संपत्ति ऋण, वाणिज्यिक वाहन ऋण और निर्माण उपकरण ऋण शामिल हैं। कॉर्पोरेट ऋण मध्यम और बड़े आकार की संस्थाओं को दिए गए ऋण को संदर्भित करते हैं, जिनका ऋण जोखिम ₹50 करोड़ से अधिक है और वाणिज्यिक ब्यूरो को उनकी रिपोर्ट दी जाती है।
भारत में प्रमुख ऋण उत्पाद श्रेणियों को आकार देने वाले रुझानों और पैटर्न में अंतर्दृष्टि
उपभोग ऋण: उपभोग ऋणों का बकाया पोर्टफोलियो मार्च 2024 तक 15.2% सालाना बढ़कर ₹90.3 लाख करोड़ हो गया, हालाँकि, पोर्टफोलियो की वृद्धि में मुख्य रूप से गृह ऋण श्रेणी में मंदी के कारण (मार्च 2023 तक 17.4%) (मूल्य के हिसाब से उपभोग ऋण पोर्टफोलियो का 40.1%) तक कमी आई है।
• गृह ऋण:
– उत्पत्ति में धीमी वृद्धि (वित्त वर्ष 2024 में 9.2% बनाम वित्त वर्ष 2023 में 18.2%) के कारण पोर्टफोलियो की वृद्धि (मार्च 2023 तक 23% वृद्धि के मुकाबले) धीमी होकर 7.9% सालाना हो गई ।
– मूल ऋण (मूल्य और मात्रा के अनुसार) में केस आकार ₹ 5 लाख – ₹ 35 लाख से ₹ 35 लाख से ज्यादा में बदलाव
– वित्त वर्ष 2024 में औसत टिकट आकार (एटीएस) में 32% की वृद्धि हुई- वित्त वर्ष 2020 में ₹ 20.1 लाख से ₹ 26.5 लाख तक
• व्यक्तिगत ऋण:
– हाल ही में विनियामक सुधारों के बावजूद मजबूत पोर्टफोलियो वृद्धि (मार्च 2024 तक 26% सालाना)
– ₹ 10 लाख से ज्यादा के ऋण केसों की हिस्सेदारी मूल्य के अनुसार बढ़ रही है, जबकि एक लाख रुपए से कम के ऋण केस संख्या के हिसाब से बढ़ रहे हैं
– बैंक ऋण देने में (मूल्य के अनुसार) आगे हैं जबकि एनबीएफसी ऋण देने में संख्या की हिसाब से आगे हैं
• दोपहिया वाहन ऋण:
– सालाना विकास दर (मार्च 2023 में 30% से) बढ़कर 34% हो गई जो मुख्य रूप से ऋणों के केसो में वृद्धि होने के कारण हुई, जबकि मूल मात्रा में सालाना आधार पर वृद्धि दर कम थी (वित्त वर्ष 2024 में 13% बनाम वित्त वर्ष 2023 में 32%)
– वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 तक ₹75 हजार से ज्यादा के केसों में 4.6 गुणा वृद्धि (मूल्य और मात्रा के हिसाब से) देखी जा सकती है।
• वाहन ऋण:
– पोर्टफोलियो वृद्धि में सालाना 20% की मामूली मंदी (मार्च 2023 तक 22% के मुकाबले) देखी गई जो कि ₹10 लाख से ज्यादा के ऋण केसों में बढ़ोतरी के कारण बढ़ी है, लेकिन केसों की कुल मात्रा में धीमी वृद्धि के कारण प्रभावित हुई है
– उत्पत्ति मात्रा में 5% की वृद्धि (वित्त वर्ष 2023 में 21% के मुकाबले) और (वित्त वर्ष 2023 में 37.3% के मुकाबले) उत्पत्ति कीमत में 12.5% की वृद्धि दर्ज की गई
• उपभोक्ता वस्तु ऋण:
– 34% की मजबूत पोर्टफोलियो वृद्धि (मार्च 2023 तक 26% की तुलना में) जो ₹25 हजार से ज्यादा के ऋण मामलों में बढ़ोतरी के कारण हुई, जिसने उत्पत्ति मात्रा में धीमी वृद्धि (वित्त वर्ष 2024 में 8.5% बनाम वित्त वर्ष 2023 में 38.2%) की भरपाई कर दी है।
– मूल्य के हिसाब से उत्पत्ति में 21% की वृद्धि, और वित्त वर्ष 2024 में मात्रा के हिसाब से 8.5% की वृद्धि
– निजी बैंकों ने वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2023 तक ऋण केसों में वृद्धि दर्ज की, हालांकि एनबीएफसी ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी खोई हुई कुछ हिस्सेदारी को वापस पा लिया।
• क्रेडिट कार्ड:
– मार्च 2023 से मार्च 2024 तक सक्रिय कार्ड संख्या में 16.5% की वृद्धि
– क्रेडिट कार्ड का बैलेंस 3.0 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि मार्च 2024 तक 999.1 लाख कार्ड प्रचलन में थे
एमएसएमई ऋण: पोर्टफोलियो वृद्धि (28.9% वार्षिक बनाम 6.6% वार्षिक) और उत्पत्ति वृद्धि (12.6% वार्षिक बनाम 3.1%) दोनों के संदर्भ में व्यक्तिगत एमएसएमई खंड की वृद्धि इकाई एमएसएमई की वृद्धि से ज्यादा हुई।
व्यक्तिगत एमएसएमई ऋण
• व्यक्तिगत एमएसएमई ऋणों का बकाया पोर्टफोलियो मार्च 2024 तक ₹35.7 लाख करोड़ रहा, जिसमें सालाना आधार पर 29% की वृद्धि हुई (मार्च 2023 तक सालाना आधार पर 15% की वृद्धि हुई थी)
• वित्त वर्ष 2024 में मूल्य के हिसाब से उत्पत्ति में सालाना आधार पर 12.6% और मात्रा के हिसाब से 19.4% की वृद्धि देखी गई
• व्यक्तिगत रूप से सभी एमएसएमई में सभी टिकट आकारों और ऋणदाता प्रकारों में चूक में सुधार देखा गया
इकाई एमएसएमई ऋण
• इकाई एमएसएमई ऋण का बकाया पोर्टफोलियो मार्च 2024 तक ₹28.4 लाख करोड़ रहा, जिसमें सालाना आधार पर वृद्धि घटकर 6.6% रह गई (जो मार्च 2023 तक 17.2% थी)
• इस क्षेत्र में मात्रा के हिसाब से उत्पत्ति में सालाना आधार पर 18.9% की वृद्धि देखी गई, जबकि मूल्य के हिसाब से 3.1% की वृद्धि हुई, जिसमें सूक्ष्म खंड (माइक्रो सेगमेंट) सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा
माइक्रोफाइनेंस ऋण:
• •मार्च 2024 तक माइक्रोफाइनेंस ऋण पोर्टफोलियो बकाया ₹442.7 हजार करोड़ के साथ पोर्टफोलियो सालाना वृद्धि 27% (मार्च 2023 तक सालाना 21% वृद्धि के मुकाबले) तक बढ़ी है।
• वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के बीच एमएफआई के लिए औसत टिकट आकार ₹40.9 हजार से 11% बढ़कर ₹45.4 हजार तक हो गया।
• मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 तक पीएआर 31-90% और पीएआर 91-180% स्थिर थे।

क्रिफ हाई मार्क के प्रबंध निदेशक श्री संजीत डावर ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “रिपोर्ट का चौथा संस्करण ‘हाउ इंडिया लेंड्स – वित्त वर्ष 2024’ भारत में विकसित हो रहे ऋण परिदृश्य का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। इस वर्ष की रिपोर्ट में गृह ऋण के निरंतर प्रभुत्व और व्यक्तिगत ऋण और दोपहिया ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है। हम एनबीएफसी के बाजार हिस्से में उल्लेखनीय उछाल और माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार भी देखते हैं। ऋण चूक मामलों में स्थिरता और विभिन्न ऋण श्रेणियों में मजबूत प्रदर्शन भारतीय ऋण बाजार की निरंतर दृढ़ता और जीवंतता को रेखांकित करता है।”