टाटा पावर-डीडीएल को सेल्फ-रीजेनरेटिंग ब्रीदर टेक्नोलॉजी के लिए मिला पेटेंट

 

 

नई दिल्ली। नॉर्थ दिल्ली में 2 मिलियन से अधिक ग्राहकों को बिजली सप्लाई देने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर-डीडीएल को उसके अनोखे सेल्फ-रीजेनरेटिंग ट्रांसफार्मर ब्रीदर पर 20 वर्षों के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है। सेल्फ-रीजेनरेटिंग ट्रांसफार्मर ब्रीदर एक ऐसा डिवाइस है जो ट्रांसफार्मर को नमी से बचाता है और इस तरह इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मरों का जीवनकाल लंबा करता है।

यह पेटेंटेड टेक्नोलॉजी, टाटा पावर-डीडीएल के इनोवेटिव सफर की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है। इससे ट्रांसफॉर्मर ब्रीदर को नमी से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए उसमें सिलिका जेल को बदलने संबंधी रखरखाव कार्यों में कमी आएगी।

ज्ञात हो कि इस टेक्नोलॉजी के चलते, सिलिका जेल को केवल ट्रांसफॉर्मर मेंटीनेंस के दौरान ही जांचा या बदला जाएगा, जो कि आमतौर से दो वर्षों में एक बार किया जाता है। इससे उलट, पारंपरिक डिजाइन में सिलिका जेल को प्रत्येक 2 साल की मेंटीनेंस अवधि में 4 से 6 बार बदला जाता है।

टाटा पावर-डीडीएल की इंजीनियरिंग टीम ने दिसंबर 2015 में सेल्फ-रीजेनरेटिंग ट्रांसफार्मर ब्रीदर टेक्नोलॉजी का सफलतापूर्वक टेस्ट किया था। इसके बाद, 2016-17 में, 20 ब्रीदर्स का पायलट-इंस्टॉलेशन किया गया, जिनके शानदार परिणाम मिले हैं। कंपनी ने 2016 में, सेल्फ-रीजेनरेटिंग ट्रांसफार्मर ब्रीदर के लिए पेटेंट संबंधी आवेदन किया था।

हवा में नमी होने से कई बार आउटेज की समस्या होती है और इसके कारण ट्रांसफॉर्मर का जीवनकाल भी घटता है। लेकिन यह नई टेक्नोलॉजी ट्रांसफॉर्मर की टॉप प्लेट पर उत्पन्न होने वाली हीट (जो अन्यथा बेकार होती है) का इस्तेमाल डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (डीटी) ब्रीदर के वायु मार्ग की नमी को सुखाने के लिए करती है। इस प्रक्रिया में, नमी अवशोषित करने वाला सिलिका जेल भी रीचार्ज होता है, परिणामस्वरूप आउटडोर एप्लीकेशनों में इस सिलिका जेल का जीवनकाल भी 3 साल तक बढ़ जाता है।

इस आविष्कार के बारे में टाटा पावर डीडीएल के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री गजानन एस काले ने कहा, “टाटा पावर-डीडीएल में हम मौजूदा चुनौतियों से उबरने के लिए लगातार इनोवेशन पर काम करते हैं और अपनी मजबूत आरएंडडी की मदद से नई टेक्नोलॉजी तैयार करने पर बल देते हैं ताकि हमारे उपभोक्ताओं को बिजली की बेरोकटोक सप्लाई मिलती रहे। यह पेटेंट भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारी क्षमताओं का सबूत है, तो मौसम की विषम परिस्थितियों में भी पावर सप्लाई को इंफ्रा तैयार रखेगी।”