चंपारण। देश में भीषण बेरोज़गारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से ‘हल्लाबोल यात्रा’ की शुरुआत हो गयी है। प्रदेशव्यापी यात्रा की शुरुआत भितिहरवा स्थित गाँधी आश्रम से सादगी भरे एक कार्यक्रम से हुई। इस अवसर पर ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए प्रार्थना किया। यात्रा को हरी झंडी देने से पहले आयोजित सभा में उपस्थित लोगों ने “आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के नारे लगाए।
देश में भीषण बेरोज़गारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से ‘हल्लाबोल यात्रा’ की शुरुआत हो गयी है। प्रदेशव्यापी यात्रा की शुरुआत भितिहरवा स्थित गाँधी आश्रम से सादगी भरे एक कार्यक्रम से हुई। इस अवसर पर ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए प्रार्थना किया। यात्रा को हरी झंडी देने से पहले आयोजित सभा में उपस्थित लोगों ने “आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के नारे लगाए।
इस मौके पर ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चम्पारण का विशेष महत्व है जहाँ गाँधी जी ने पहला बड़ा आंदोलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया था। गाँधी जी द्वारा दिये गए सत्य अहिंसा न्याय के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर देश में अब युवा आंदोलन खड़ा हो रहा है।” युवा नेता हिमांशु तिवारी ने कहा कि बिहार ने पूरे विश्व को अहिंसक आंदोलन करना सिखाया है अब इसी धरती से युवाओं का बेरोजगारी के खिलाफ हल्ला बोल होगा।
गाँधी आश्रम पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अनुपम ने स्थानीय नागरिकों और युवाओं का भारी संख्या में स्वागत करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। हल्लाबोल यात्रा का उद्देश्य बताते हुए अनुपम ने कहा, “बेरोज़गारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। बेरोज़गार युवाओं में आत्महत्या की खबरें अब आम बात हो गयी हैं।
भितिहरवा में सभा को सम्बोधित करते हुए जेपी सेनानी दिनेश सिंह ने कहा कि यह यात्रा देश को नया नेतृत्व देने वाले निडर युवाओं को तलाशने और तराशने का भी काम करेगा। देश एक बड़े युवा आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है जिसमें बिहार की सबसे अहम भूमिका होगी।
भितिहरवा स्थित बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य दीपेंद्र वाजपेयी ने सभा का संचालन किया और कई स्थानीय नागरिकों ने संबोधित कर अनुपम को उनके मुहिम के लिए शुभकामनाएं दीं।
गाँधी जी को 1917 में चम्पारण लाने वाले राजकुमार शुक्ल के पौत्र चंदन चौहान ने भी यात्रा को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बागियों और बैरागियों की यह भूमि एक बार फिर देश को नयी दिशा दिखाने वाला है।
इस मौके पर युवा आंदोलन के केंद्रीय नेतृत्व से अर्जुन मिश्रा भी गुजरात से चलकर चंपारण आए। उन्होंने कहा कि वो इस यात्रा में पूरा समय अनुपम के साथ चलेंगे और देश को बेरोज़गारी के अंधकार से निकालने में अपनी हर संभव भूमिका निभाएंगे।
युवा नेता अनुपम ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया, “बेरोज़गारी आज इतिहास के चरम स्तर पर है। आत्महत्या आम बात हो गयी है। बेरोज़गारी जीवन मरण का सवाल बन चुका है। पढ़े लिखे लोग भी एक अदद नौकरी के लिए दर दर भटकने को अभिशप्त हैं। युवाओं का भविष्य अंधकार में है। मतलब देश का भविष्य अंधकार में है। असंतोष इतना गहरा है कि आक्रोश का रूप ले चुका है। ज्वालामुखी कभी भी फूट सकता है, जिसका केंद्र बिहार होगा। हमारी कोशिश है कि यह ऊर्जा एक सकारात्मक रूप लेकर देश को समाधान की दिशा में ले जाए।”
गाँधी आश्रम पर हुए कार्यक्रम के बाद यात्रा का अगला पड़ाव नरकटियागंज रहा। यहाँ बाजार के मुख्य चौक पर अनुपम और उनकी टीम ने भगत सिंह की प्रतिमा को माल्यार्पण करके सभा को संबोधित किया। यात्रा के पहले दिन युवाओं में खासा जोश दिखा और रोज़गार के सवाल पर बढ़ चढ़कर भागीदारी की गयी। कार्यक्रम में छात्र युवाओं के अलावा शिक्षकों, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और कई सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। गाँधी आश्रम से शुभारंभ करने के बाद ‘ हल्लाबोल यात्रा’ नरकटियागंज और लौरिया में जनसभा करते हुए रात्रि विश्राम के लिए बेतिया पहुँची। अगले दिन पूर्वी चंपारण में जनसंवाद करते हुए सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिले में प्रवेश होगा।बिहार प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चम्पारण का विशेष महत्व है जहाँ गाँधी जी ने पहला बड़ा आंदोलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया था। गाँधी जी द्वारा दिये गए सत्य अहिंसा न्याय के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर देश में अब युवा आंदोलन खड़ा हो रहा है