नई दिल्ली। जैसे-जैसे नौकरियों की प्रकृति विकसित हो रही है, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके करियर तलाशने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा छात्र यह भी समझेंगे कि एआई नौकरियों और उद्योगों को कैसे प्रभावित कर रहा है और कार्यस्थल पर एआई के फायदे और नुकसान की जांच करेंगे।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए 7.5 घंटे के फाउंडेशनल मॉड्यूल का हिस्सा है, जिसका शीर्षक ‘इन्ट्रोडक्शन टू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ है। इसे मौजूदा 120 घंटे के रोजगार कौशल पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है। अध्याय “एक्सपलोरींग करिअर विद एआई” शिक्षार्थियों को एआई का उपयोग करके अपने हितों और योग्यताओं से मेल खाने वाले करियर विकल्प खोजने में मदद करता है। एआई टूल लोगों की रुचियों और योग्यताओं से मेल खाने वाले करियर का सुझाव दे सकते हैं और ऐसे नए करियर विकल्प खोजने में भी मदद कर सकते हैं जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा। ये टूल व्यक्ति की रुचियों के अनुसार करियर दिखाकर समय बचाने मे मदद करते हैं।
इस मॉड्यूल को कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने 26 अक्तूबर, शनिवार को लॉन्च किया और इसे इस नवंबर से पूरे भारत में 14,681 आईटीआई में लागू किया जाएगा। श्री चौधरी के अनुसार, नया ‘इन्ट्रोडक्शन टू एआई’ मॉड्यूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी बातों को खोलता है, जिज्ञासा जगाता है और एआई की वास्तविक दुनिया की संभावनाओं के बारे में आईटीआई छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करता है। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम यह दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि कैसे एआई रोज़मर्रा के कामों को बेहतर बना सकता है और यह छात्रों को एआई तकनीकों को और गहराई से जानने के लिए प्रेरित कर सकता है।” कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने आगे विस्तार से बताते हुए कहा, “एआई के वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों को समझना हर किसी के लिए मौलिक है क्योंकि यह भविष्य है। यह पाठ्यक्रम एआई के क्षेत्र मे बच्चों के लिए स्कूल से लेकर एक प्रोफेशनल के तौर पर तैयार होने की प्रक्रिया तक के लिए एक मजबूत नींव रखेगा और उन्हें इसका उपयोग करते समय इसकी शक्तियों और जिम्मेदारियों को समझने में मदद करेगा।”
इस मॉड्यूल के कुछ अन्य अध्याय हैं: अन्डर्स्टैन्डिंग एआई, एआई कैसे काम करता है, एआई के प्रकार, एआई क्या कर सकता है?, नौकरियों और उद्योगों पर एआई का प्रभाव, एआई के साथ सीखना और एआई का जिम्मेदारी से उपयोग करना
नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (NPAI) स्किल्स फ्रेमवर्क के साथ जुड़े एआई के इन्टरऐक्टिव अध्याय, शिक्षार्थियों को प्रोफेशनल दुनिया में आने से पहले ही एआई के बारे में जानकारी से सशक्त बनाएंगे। इन संयुक्त पाठ्यक्रमों को प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) और फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (FRSN) – एक्सेंचर, सिस्को, जे.पी. मॉर्गन और SAP लैब्स इंडिया द्वारा सह-डिज़ाइन किया गया है, जो क्वेस्ट एलायंस एनजीओ द्वारा संचालित एक सहयोगात्मक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य सरकारी आईटीआई एकोसिस्टम को मजबूत करना है।
क्वेस्ट एलायंस के युवा कार्यक्रम की निदेशक निकिता बेंगानी ने कहा, “एआई आज के कार्यबल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा है। शिक्षार्थियों को भविष्य के कार्यस्थल में एआई की क्षमता को समझने में मदद करके, युवा इन आवश्यक कौशलों को जल्दी ही सीख लेंगे। “एआई काम के भविष्य को आकार देने वाले सबसे महत्वपूर्ण रुझानों में से एक है, उन्होंने कहा, “प्रत्येक शिक्षार्थी के लिए इसके प्रभाव और क्षमता को समझना आवश्यक है। चूंकि एआई प्रत्येक करियर का अभिन्न अंग बन गया है, इसलिए एआई के बारे में सीखने के लिए एक उपकरण के रूप में एआई का उपयोग करना शिक्षा के लिए एक अनूठा और शक्तिशाली दृष्टिकोण प्रदान करता है।” पाठ्यक्रम के अंत तक, शिक्षार्थी डिजिटल सामग्री बनाने, अकादमिक शिक्षा को पूरक बनाने और विभिन्न जीवन और करियर संबंधी प्रश्नों को संबोधित करने के लिए एआई उपकरणों का पता लगा चुके होंगे, इसलिए उन्हें प्रारंभिक करियर योजना के मार्ग पर रखा जाएगा।