देश की राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। ये बात हम नहीं कह रहे हैं। हालिया जारी आंकड़े के अनुसार यह बात सामने आई है। सीपीसीबी की ‘समीर’ ऐप के अनुसार, गाजियाबाद का एक्यूआई 372 दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली का एक्यूआई 307, नोएडा का 338, ग्रेटर नोएडा का 344, हापुड़ का 145, फरीदाबाद का 294, गुरुग्राम का 281, आगरा का 237, बल्लभ गढ़ का 186, भिवानी का 297 और मेरठ का एक्यूआई 346 दर्ज किया गया।
कहा जा रहा है कि चार दिन के बाद हवा इतनी खराब हुई है। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में यह आज जारी आंकड़ा चिंताजनक तो है।
असल में, दिल्ली सहित एनसीआर की हवा हर वर्ष सर्दी के मौसम में जहरीली होती है। पराली के कारण यहां लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और इस पर खूब सियासत भी होती है। दिल्ली सरकार की हरियाणा और पंजाब के किसानों से हर साल अपील की जाती है। इस वर्ष तो दिल्ली सरकार की ओर प्रदूषण के विरूद्ध युद्ध का भी एलान किया गया था। जगह-जगह स्वयंसेवी संस्था के कार्यकर्ता लोगों को जागरूक करते नजर आते हैं।