टोक्यो। भारत की अवनि लेखरा ने सोमवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। अवनि से से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे।
अवनि ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे। ’’
अपने ट्वीट में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “अभूतपूर्व प्रदर्शन अवनि! स्वर्ण पदक जीतने के लिए आपकी कड़ी मेहनत और लगन के लिए बधाई! शूटिंग के प्रति आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने ही इसे संभव बनाया है। यह वास्तव में भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है। मैं आपके भविष्य के प्रयासों के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।”
शूटर अवनि लेखरा के बाद जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने भारत को एक और गोल्ड दिलाया है। इस प्रतियोगिता में सुमित अंतिल ने भारत को जैवलिन थ्रो में तीसरा पदक दिलाया है। उन्होंने सोमवार को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता है. सुमित की इस जीत के साथ ही भारत के मेडल की संख्या 7 हो गई है।
सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. सुमित आंतिल का ये थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा स्वर्ण पदक है। सुमित ने इस मुकाबले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है. उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना।
रविवार के शानदार प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए, भारत के प्रसिद्ध भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र ने टोक्यो में अपना तीसरा पैरालंपिक पदक और 64.35 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ एफ46 श्रेणी में प्रतिष्ठित रजत पदक जीता। देवेंद्र ने भारतीय खेल प्राधिकरण- गांधी नगर में प्रशिक्षण हासिल किया है। इसके अलावा, राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर के सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया और भारत ने इस प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।
इस महीने टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले, सुंदर ने कहा था कि वह अच्छे फॉर्म में है और वह पदक जीतने के लक्ष्य के साथ टोक्यो पैरालंपिक जा रहे हैं, जिसमें वह रियो ओलंपिक में चूक गए थे। देवेंद्र और सुंदर भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई)के टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) का हिस्सा रहे हैं और स्पोर्ट्स साइंस सपोर्ट के साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं, राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों के लिए सरकार द्वारा वित्तपोषण किया गया है। सुंदर के मामले में प्रोस्थेसिस, उपकरण और कोच शुल्क अनुदान के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।
दो भाला फेंक खिलाड़ी टोक्यो स्टेडियम में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं पहली बार ओलंपिक पहुंचे योगेश कथूनिया स्टेडियम की दूसरी तरफ दिन का तीसरा पदक सुनिश्चित कर रहे थे। योगेश ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो की एफ56 श्रेणी में 44.38 मीटर के सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ भारत के रजत पदक जीता और इस प्रतिस्पर्धा में वर्चस्व बनाए रखा।