नोएडा। प्रशासन की ओर से लाख पाबंदी लगाई गई हों, लेकिन लोगों ने नया जश्न मनाया। सडकों पर गाडियां दिखीं। कोरोना का डर कम हो रहा है और लोग अपने पुरानी जिंदगी की ओर लौटने की कोशिश में हैं। इसी बीच दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ गया है। बताया गया है कि नए साल के पहले दिन, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई। एनसीआर में गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। एनसीआर के ज्यादातर शहर डार्क रेड जोन में आ गए हैं, जो काफी खराब स्थिति है।
बताया गया है कि प्रदूषण सूचकांक ऐप समीर से यह जानकारी ली गई है। इसके अनुसार शुक्रवार को गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) 464, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 428, दिल्ली में एक्यूआई 426 दर्ज की गई। नोएडा में एक्यूआई 441, बुलंदशहर में 427, बागपत में 350, फरीदाबाद में 408, गुरुग्राम में 357, आगरा में 374, बल्लभगढ़ में 360, भिवानी में 395, मेरठ में 376 और हापुड़ में एक्यूआई 154 दर्ज की गई।
नोएडा के प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जनपद में अक्टूबर माह से ग्रेप लागू है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण विभाग वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रहा है। हम लोगों से भी अपील कर रहे हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाएं इसके लिए आगे आ रहे हैं।
लोगों की चिंता है कि यदि इसी प्रकार का माहौल रहा, तो जीना मुश्किल हो जाएगा। जिस प्रकार से कोरोना हमारी सांसों की ताकत छीन रहा है, वैसे में यदि प्रदूषण के कारण सांस लेने में भी दिक्कत शुरू हुई, तो कोई भी अपना जीवन कैसे बचा पाएगा ?