कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने भाजपा की कमर तोड़ दी, संभल पाएगी भाजपा

उत्तराखंड में भाजपा को जोर का झटका लगा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य अपने बेटे के साथ कांग्रेस में आ चुके हैं। दिल्ली में उन्होंने पार्टी की सदस्यता हासिल की और सांसद राहुल गांधी से मुलाकात कर ली। अब राज्य की सियासत में भाजपा को इसकी भरपाई करनी होगी।

नई दिल्ली। जिस प्रकार से चुनाव से कुछ माह पूर्व उत्तराखंड के कद्दावर नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने भारतीय जना पार्टी का साथ छोड़ा है और कांग्रेस के हाथ को थामा है, उसका सियासी असर दूरगामी होने की संभावना है। भाजपा पहले ही अपने मुख्यमंत्री बदलने के कारण जनता के बीच संशय की स्थिति में हैं। ऐसे में एक कद्दावर नेता का दूसरे दल में जाना, लोगों के बीच कई सवालों को जन्म दे रहा है।
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने अपने बेटे नैनीताल विधायक संजीव आर्य के साथ सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। यशपाल उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण मंत्री व परिवहन मंत्री थे। दोनों नेताओं ने पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, कांग्रेस प्रदेश कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित राष्ट्रीय महामंत्री-संगठन केसी वेणुगोपाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की मौजदूगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया।


इससे पहले ही यशपाल आर्य और संजीव आर्य के अलावा रायपुर विधायक उमेश शर्मा के कांग्रेस में जाने की अटकले लगाई जा रही थी। स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि तराई क्षेत्र में कांग्रेस फिर से पूरी तरह परचम फहराएगी। महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष संदीप सहगल और पूर्व मेयर प्रत्याशी व काग्रेस के नेता शफीक अंसारी ने कहा कि इंदिरा हिरदेश के देहांत के बाद कांग्रेस में जो कमी महसूस की जा रही थी वह दोनों नेताओं के कांग्रेस में वापसी से पूरी हो गई है।


बता दें कि इससे पहले भाजपा ने कांग्रेस में सेंध लगाई थी। विगत दिनों पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा का दामन लिया था। राजकुमार 2007 में सहसपुर सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे। बाजपुर से विधायक और समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य व उने बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से विधायक हैं। दोनों ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। पिता और बेटे ने जीत भी दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया।