नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 बैठक में भाग लेने के लिए इटली के दौरे पर गए हैं। वहां पहुंचकर उन्होंने विदेशी नेताओं से मिलना-जुलना और बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ शुक्रवार को संयुक्त बैठक की और पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक तथा लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रोम पहुंचने के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक है। शिखर सम्मेलन में वह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।
बीते दिन 28 अक्टूबर को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी की ये 8वीं बैठक होगी। इससे पहले वो 7 बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं। जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष, कोरोना महामारी की वजह से G20 सम्मेलन वर्चुअल रूप से हुआ था। पीएम मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के न्यौते पर यूके जा रहे हैं। यहां वह वैटिकन में पोप से भी मुलाकात करेंगे।
Landed in Rome to take part in the @g20org Summit, an important forum to deliberate on key global issues. I also look forward to other programmes through this visit to Rome. pic.twitter.com/e4UuIIfl7f
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2021
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के साथ सार्थक बातचीत के साथ रोम में आधिकारिक कार्यक्रम शुरू हुए। नेताओं ने पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक और लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’
The ideals of the great Bapu reverberate globally.
In Rome, PM @narendramodi paid floral tributes at the bust of Mahatma Gandhi. pic.twitter.com/vDErIkc1Fj
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2021
भारत-यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय रिश्ते 1960 की शुरुआत से ही चले आ रहे हैं। भारत 1962 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। भारत-यूरोपीय संघ के बीच पहली शिखर वार्ता लिस्बन में 28 जून 2000 को हुई थी और यह दोनों के बीच संबंधों के विकास में ऐतिहासिक घटना रही। दोनों के बीच संबंध द हेग में 2004 में हुए पांचवें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान ‘‘सामरिक साझेदारी’’ तक पहुंच गए।