संगम क्षेत्र में उत्साही युवाओं की टोली चला रही अन्न सेवा, प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु ले रहे प्रसाद

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में धर्म, ज्ञान और अध्यात्म की त्रिवेणी हर ओर बह रही है। वहीं धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा अन्न की सेवा भी मेला क्षेत्र के हर सेक्टर में हो रही है। संगम अपर रोड पर श्री प्रयागराज अन्न क्षेत्र समिति के तत्वावधान में श्रद्धालुओं की अन्न सेवा हो रही है। समिति के सदस्य जो कि उत्साही युवाओं की एक टोली है, प्रतिदिन महाकुम्भ में आने वाले हजारों श्रद्वालुओं को प्रेमभाव से अन्न प्रसाद वितरित करती है।

अन्न सेवा समिति के संस्थापक पण्डित रोहित शर्मा ने बताया, ऐसा माना जाता है कि तीर्थ पुरोहित को तो दान दिया जाता है। उससे कुछ लिया नहीं जाता। ये भण्डारा तीर्थ पुरोहितों द्वारा चलाया जा रहा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि तीर्थ में आये श्रद्धालुओं को शुद्ध, सात्विक और गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाय। जिससे वो बिना किसी संकट के तीर्थ कर सकें। उन्हें भोजन की चिंता न रहे।

रोहित बताते हैं, भण्डारे के लिये मैंने कभी दान की कोई रसीद नहीं काटी। प्रयागवाल परिवार और समाज के सहयोग से अन्न सेवा का कार्यक्रम पिछले पांच वर्षों से चलाया जा रहा है। मैं इस अन्न क्षेत्र को संस्थापक अवश्य हूं लेकिन यहां पूरे समाज के सहयोग से सेवक भाव से सेवा कार्य किया जाता है। वो कहते हैं, अन्न सेवा चलाते समय ऐसा भी आया जब जेब खाली थी। पर मां गंगा ने कभी सिर झुकने नहीं दिया। सब मां गंगा की प्रेरणा से ही हो रहा है।

उन्होंने बताया कि, प्रातः 7 से 9 बजे तक चाय-नाशता, दोपहर 11 से सांय 6 बजे तक भोजन और सांय 7 से 11 बजे रात्रि तक दूध की सेवा की जाती है। प्रतिदिन 10-15 हजार श्रद्धालु अन्न का प्रसाद पा रहे हैं।

रोहित ने बताया, हमारे पास आटा गूंथने, आटे की लोई काटने और चपाती बनाने की मशीने हैं। भोजन की गुणवत्ता और शुद्धता पर हमारा विशेष ध्यान रहता है। भोजन बनाने के लिये कारीगर और वालियंटर्स की टीम है, जो देश भर से यहां आकर सेवा करती है। रोहित की टीम में हर्ष, मयंक, मनु, उदित, रिंकू, प्रयांशु पाण्डे, संतोष कुमार सिंह और गौरव पाण्डे प्रमुख हैं। रोहित बताते हैं, हमारा प्रयास है कि प्रयाग तीर्थ में वर्षभर भण्डारा चलाया जाय। जिससे देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन आदि की चिंता न करनी पड़े। आने वाले समय रोहित प्रयाग के लेबर चौराहों पर प्रतिदिन अन्न सेवा की तैयारी में है। इसके लिये वो चार पहिया वाहन और आवश्यक सामग्री जुटा रहे हैं।

अन्न सेवा के लिये इन्दौर से आये संतोष कुमार सिंह बताते हैं, मैं मूलतः प्रयाग का रहने वाला हूं। व्यवसाय इंदौर में है। मैं यहां सेवा कार्य के लिये आया हूं। हजारों श्रद्धालुओं की सेवा करके जो आनन्द की अनुभूति हो रही है, उसको बयान नहीं कर सकता।