नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से तबाही जारी है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं, बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नदियों के जलस्तर में वृद्धि और बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई सर्वेक्षण करके स्वयं हालात का जायजा ले चुके हैं। उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया गया है।
यमुना में आई बाढ़ से अजी716 जिलों में गंगा, यमुना और उसकी सहायक नदियां बाढ़ से अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। 400 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बुंदेलखंड के जालौन और हमीरपुर में हालात ज्यादा खराब हैं। तमल और औरैया तहसील के 24 गांव प्रभावित हैं। वाराणसी में गंगा और वरुणा की वजह से 10 हजार की आबादी और प्रयागराज में 5 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। चंबल नदी में बढ़े पानी की वजह से यमुना का भी जलस्तर बढ़ गया है। बाढ़ ने वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, औरैया, बलिया, बहराइच, हमीरपुर, चंदौली, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, गोरखपुर, जालौन और चित्रकूट जिलों को प्रभावित किया है। यहां गंगा, घाघरा, चंबल, यमुना, बेतवा जैसी नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही है।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। बाढ़ और बारिश के कारण ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, भिंड, ग्वालियर जिले प्रभावित हुए हैं। रीवा जिले के 1171 गांवों में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। साथ ही 200 गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।