घायल पुलिसकर्मियों से मिले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मिलने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस कर्मियों को पत्र में लिखा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया... मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिविल लाइंस स्थित सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात की और उनसे उनका हाल-चाल जाना व डॉक्टरों से भी बात की। केंद्रीय गृह मंत्री ने सिविल लाइन के तीरथराम शाह अस्पताल में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मुलाकात की।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मिलने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।

दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस कर्मियों को पत्र में लिखा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया… मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।

नये कृषि कानूनों को लेकर करीब 2 माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन ने अपना धरना वापस ले लिया। दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है। वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया। मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था।

वहीं गणतंत्र दिवस पर हुए तिरंगे के अपमान से लोकल स्थानीय भड़के हुए है। 50-60 गांव के लोग बॉर्डर खाली कराने पहुंचे है। किसानों को 24 घंटे का दिया समय दिया है और कहा कि हम रोज आएँगे, और अधिक से अधिक संख्या में आएँगे, देश के शान तिरंगे अपमान नही सहेंगे।

हरियाणा- दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे किसानों का भी स्थानीय लोगों ने आज विरोध किया। लोगों ने किसानों के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने लाल किले पर हुई हिंसा के संदर्भ में कहा कि तिरंगे और राष्ट्रीय स्मारकों का अपमान नहीं सहा जाएगा।