नई दिल्ली। यमुना संसद की तरफ से यमुना नदी के शुद्धिकरण के लिए भाई दूज के मौके पर भिक्षाटन महायज्ञ की शुरुआत हुई। अपनी तरह का यह अनूठा जन जागरण अभियान अगले साल भाई दूज तक चलेगा। इस बीच अगली भाई दूज तक यमुना संसद के संयोजक व यमुना भिक्षु रविशंकर तिवारी दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे ब्रज क्षेत्र के घर-घर यमुना की पीड़ा लेकर पहुंचेंगे। उनकी कोशिश हर यमुना पुत्र को तन, मन, धन से यमुना जी की पीड़ा से जोड़ने की होगी।
दिल्ली के आईआईटी, छठ घाट पर रविवार सुबह अखिल विश्व गायत्री परिवार की तरह से किए गए यज्ञ और शंखनाद से भिक्षाटन शुरू हुआ। इसमें राष्ट्रवादी चिंतक केएन गोविंदाचार्य, कथा वाचक अजय भाई जी, नामधारी व निरंकारी समाज, नदी संवाद, विश्व जागृति मिशन, दिल्ली पंचायत संघ, 360 खाप पंचायत समेत अलग-अलग राजनीतिक दलों व सामाजिक-धार्मिक-व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि व बड़ी संख्या में अलग-अलग स्कूलों व विश्वविद्यालयों के शिक्षक व छात्र मौजूद रहे। यमुना जी के तट पर कार्यक्रम में मौजूद बहनों ने अपने भाइयों से यमुना जी शुद्धिकरण की इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का प्रण लिया।
इस मौके पर रविशंकर तिवारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि दिल्ली कई बार उजड़ी और बसी भी हर बार है। उजड़कर बसना शहर के पूरब दिशा में बहने वाली यमुना ने संभव किया। लेकिन आज, यमुना और दिल्ली के रिश्ते में टूटन आई है। यह पहली बार हुआ है कि दिल्ली के लोग अपनी यमुना को भूलने लगे हैं। तभी राजधानी की जीवन रेखा धुंधली हो चली है। यमुना मृतप्राय हो चली है। इकोलॉजिकली यह मृत है। विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि हालत यही रहने पर यमुना जी खत्म हो जाएंगी। और जब यमुना जी नहीं होंगी तो दिल्ली का बचे रहना भी मुश्किल है।
रविशंकर तिवारी के मुताबिक, यमुना बचेगी, तभी दिल्ली बचेगी और हम भी। तो भिक्षाटन अभियान यमुना के बहाने खुद को बचाने के लिए है। मैं खुद निजी तौर पर अगले साल 2025 की भाई दूज यमुना भिक्षु के तौर पर घर-घर जाऊंगा। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे ब्रज क्षेत्र के घर-घर तक मैं यमुना की पीड़ा लेकर पहुंचूगा। और आप सभी यमुना शुद्धिकरण के इस महायज्ञ में शरीर, मन और धन से भागीदार बनाऊंगा।
जैसा मेरा बीते दो साल का; 2022 से, जब से यमुना संसद की मुहिम शुरू हुई है, जो अनुभव रहा है, और आईटीओ छठ घाट पर इतनी बड़ी संख्या में यमुना प्रेमियों का जो समर्थन मिला है, उससे यकीन ही नहीं, श्रद्धा भी बनी है कि अकेला मैं ही नहीं, यमुना जी शुद्धिकरण का कारवां बन खड़ा होगा। अभी मैं तैयार हूं उसके लिए, जो यमुना जी को होना है। अविरल व निर्मल यमुना आज की जरूरत है। यह संभव है। इसके लिए मेरे द्वार खुले हैं और मैं आपके साथ संभावना का सूत्र पकड़ कर बढूंगा।