नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस सहित विपक्षी सांसदों ने महंगाई, किसानो के मुद्दे और 12 सांसदों के निलंबन के मसले पर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है। शुक्रवार को विपक्षी सांसदों के ऐसे व्यवहार और संसदीय कार्यवाही में बाधा पहुंचाने की बात पर भाजपा सांसदों ने विपक्षी सांसदों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
निलंबित सांसदों में कांग्रेस से छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो, और सीपीआई और सीपीएम से एक-एक सांसद हैं। निलंबित कांग्रेस सांसद हैं, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह। तृणमूल कांग्रेस की दो सांसद डोला सेन और शांता छेत्री हैं। शिवसेना के प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई हैं। वहीं सीपीएम के एलाराम करीम और सीपीआई के बिनॉय विश्वम निलंबित किए गए हैं।
#WATCH | Delhi: BJP Rajya Sabha MPs protest against the protesting Opposition over the suspension of 12 Rajya Sabha MPs for the winter Parliament, near the Gandhi statue pic.twitter.com/zngQpt1guj
— ANI (@ANI) December 3, 2021
कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने कहा, ”भाजपा के पास क्या किया जाना चाहिए, क्या नहीं किया जाना चाहिए, इसकी समझ ही नहीं है। वे सिर्फ भाजपा पार्टी में अथॉरिटी के आदेश का पालन करते हैं। महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन करने के अधिकार का भी भाजपा ने खंडन किया, ये और कुछ नहीं तानाशाही है।
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में विपक्षी दलों के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद से विपक्षी नेता लगभग हर गिन सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं। टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, संसद में एक सवाल के जवाब में भाजपा के मंत्री ने बताया कि अभी पूरे भारत में कहीं भी एनआरली लागू नहीं होगा। इन्होंने कृषि कानून वापस कर लिया है और एनआरसी भी वापस लेने वाले हैं। पश्चिम बंगाल की हालत के बारे में 6 महीने पहले जनता ने चुनाव में जनादेश दे दिया है।