नई दिल्ली। चुनावी साल में महंगाई सत्ताधारी दल के लिए मुसीबत नहीं बने, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उससे पहले भाजपा महंगाई कम करने पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस संबंध में ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले इस कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को बेचा जाएगा। ये दोनों सरकारी तेल शोधन इकाइयां रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं।
सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत अपने सामरिक पेट्रोलियम भंडार से 50 लाख (5 मिलियन) बैरल कच्चा तेल जारी करने पर सहमत हुआ है। तेल को जारी करने की यह प्रक्रिया समानांतर रूप से और संयुक्त राज्य अमेरिका, चीनी लोक गणराज्य, जापान और कोरिया गणराज्य सहित अन्य प्रमुख वैश्विक ऊर्जा उपभोक्ताओं के परामर्श से होगी।
प्रधानमंत्री मोदी घरेलू स्तर पर पेट्रोलियम/डीजल की ऊंची कीमतों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत, भारत सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पेट्रोल और डीजल पर ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क’ में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये की कमी की थी। इसके बाद कई राज्य सरकारों द्वारा ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्द्धित कर (वैट) में कमी की गई। सरकार पर भारी वित्तीय बोझ के बावजूद, नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए ये कठिन कदम उठाए गए।
Business News : चुनावी साल की शुरूआत से पहले महंगाई कम कर सकती है केंद्र सरकार
चुनाव में महंगाई के कारण जनता का मूड भाजपा को लेकर खराब न हो, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में तेल की कीमतों को कम करने की कवायद की जा रही है।