बिहार में आज हो रहा है मंत्रिमंडल विस्तार, जदयू पुराने चेहरे पर ही कर रही भरोसा

नीतीश कुमार को सबको साथ लेकर चलना चुनौती भरा कदम है। जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नाराज होकर पटना से दिल्ली चले गए हैं। राजद नेताओं को मंत्री बनने के बाद उन्हें काबू में रखना आसान नहीं है।

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर रहे हैं। बिहार कैबिनेट के विस्तार में आज राजद नेता तेज प्रताप यादव, आलोक मेहता, ललित यादव, सुरेंद्र यादव और कुमार सर्वजीत के शपथ लेने की संभावना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने पुराने मंत्रिमंडल को दोहराने की संभावना है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।पहले कुशवाहा का नाम मंत्री पद की रेस में चल रहा था। मगर बाद में मंत्रिमंडल विस्तार से उनका नाम काट दिया गया। इसके बाद वे पटना से दिल्ली चले गए।

सूत्रों की मानें तो 12 अगस्त को पटना के मौर्या होटल में जेडीयू के कुशवाहा नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें जाति के कई नेताओं ने उपेंद्र को मंत्री न बनाने की बात कही गई। इस बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और कई विधायक-सांसद शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि नाम कटने से उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं और इसलिए वे दिल्ली चले गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय कराकर उन्हें संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। उपेंद्र के जेडीयू में बढ़ते कद से पार्टी में कुशवाहा जाति के नेता नाराज हैं।

11.30 बजे राज्‍यपाल फागू चौहान नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। मंत्रिमंडल में राष्‍ट्रीय जनता दल की हिस्‍सेदारी अधिक रहेगी। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दल यूनाइटेड दूसरे नंबर पर रहेगा। कांग्रेस को दो सीटें मिलेंगी तो जीतन राम मांझी के हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा से एक मंत्री बनाए जाएंगे। भाकपा माले सहित अन्‍य दल सरकार में शामिल नहीं होंगे। विधानसभा के स्‍पीकर आरजेडी कोटे से अवध बिहारी चौधरी बनाए जाएंगे। तबीयत खराब रहने के कारण लालू यादव मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।

मीडिया से बात करते हुए भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार में महागठबंधन की सात दलीय सरकार है, लेकिन उनकी पार्टी मंत्री पद नहीं लेगी। उन्‍होंने कहा कि बीपेजी के साथ रहते हुए नीतीश कुमार को घुटन हो रही थी। अब उन्‍हें महागठबंघन में राहत भरी खुली हवा मिली है।