वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने

कोरोना केवल महामारी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक हथियार भी बनने वाली है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच कई तरह की बयानबाजी होती है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के सवाल को मनीष सिसोदिया ने भी जवाब दिया है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार सुबह जानकारी दी गई कि कोविड वैक्सीनेशन में भारत ने रिकाॅर्ड बनाया गया है। एक दिन में सबसे अधिक वैक्सीनेशन हुआ है। वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पलटवार किया है। वैक्सीनेशन को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आमने सामने है।

असल में, केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में कम हो रहे कोविड वैक्सीनेशन पर सवाल उठाया। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीति और उनके पंजाब की राजनीति में अधिक शमिल होने का आरोप लगाया। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने ट्विट भी किया।

फिर क्या था ? मोर्चा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संभाल लिया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को पर्याप्त संख्या में कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराएं। दिल्ली सरकार अपना काम जानती है। साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी कि हमेशा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप नहीं लगाएं।

दिल्ली के सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की तानातानी पुरानी है। चूंकि, हरदीप सिंह पुरी दिल्ली भाजपा के प्रभारी भी रहे हैं, इसलिए ये राजनीतिक बयानबाजी भी करते हैं। अगले साल यहां नगर निगम के चुनाव होने हैं। कोरोना सहित कई अन्य मुद्दे चुनाव में होंगे। इस बात को जनता भी समझ चुकी है।

इस बीच कोविड वैक्सीन और वायरस को लेकर एम्स नई दिल्ली के एक सीनियर डाॅक्टर की ओर से बडा बयान आया है। AIIMS (दिल्ली) में बयोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रदीप कर्माकर ने कहा है कि जो नया डेल्टा वेरिएंट आया है ये काफी संक्रामक है। ये बीमारी दोबारा अक्सर नए वेरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेट करने की है। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बीमारी की तीव्रता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसा स्टडी में पाया गया है।