Chhath 2021 : अनुशासन का पर्व है छठ, कोरोना काल में नहीं करें लापरवाही

लोगों को कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए प्रेरित करना होगा। त्योहारों के मौसम में सावर्जनिक जगहों पर लोग जाएं तो मास्क जरूर लगाकर जाएं। जितना संभव हो निर्धारित दूरी का पालन करें। जो लोग किसी गंभीर अथवा संक्रामक रोग से ग्रेसित हैं, उन्हें सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचना चाहिए।

नई दिल्ली। छठ पर्यावरण संरक्षण, रोग-निवारण व अनुशासन का पर्व है। इसका उल्लेख आदिग्रंथ ऋग्वेद में भी मिलता है। वर्तमान समय अनुशासित रहकर त्यौहार मनाने का है, क्योंकि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। दैनिक संक्रमण के मामले भले ही कम सामने आ रहे हैं, लेकिन कोविड वायरस अभी है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम जब भी सार्वजनिक जगहों पर जाएं, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स पटना और देवघर के प्रेसीडेंट डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि देश ने दस महीने से भी कम समय में टीकाकरण में सौ करोड़ का एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस पड़ाव तक पहुंचने में हमारी सबसे अधिक सहायता वैक्सीन आत्मनिर्भरता ने की। हम एक बड़ी आबादी तक वैक्सीन को सिर्फ इसलिए पहुंचा पाएं क्योंकि हमनें न सिर्फ वैक्सीन को विकसित किया बल्कि देश में ही वैक्सीन का निर्माण भी किया गया, और यह सब एक रात में प्राप्त नहीं किया गया, यह पूरे एक से डेढ़ साल की रणनीतिक सोच का परिणाम है, और निश्चित रूप से उसे साकार करने के लिए की गई कड़ी मेहनत का भी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के कोने कोने में हमारे कोरोना वॉरियर ने टीका पहुंचाया। लेकिन सरकार की रणनीति और इन योद्धाओं की मेहनत तब ही कारगर होगी जब हम आने वाले कुछ महीने में और अधिक समझदारी का परिचय देगें। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, कुछ राज्यों में अभी भी एक्टिव केस का प्रतिशत ज्यादा है। वैक्सीन को लोगों ने कोरोना से सुरक्षा के हथियार को अपना लिया है उन्हें भी त्योहार में विशेष एहतियात बरतनी होगी। जिन लोगों ने कोविड की पहली या दूसरी डोज ले ली है, उन्हें भी त्योहारों में कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना है। निर्धारित दूरी, मास्क का प्रयोग और नियमित रूप से हाथ धोते रहने की आदत को व्यवहार में शामिल करें, ऐसा करने से हम अपने आसपास के वातावरण को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है गोरखपुर। एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर कहती हैं कि फ़िलहाल कोरोना के मामले कम हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि बीमारी ख़त्म हो गई है। लिए जब कभी घर से बाहर निकलें, तो मास्क हमेशा लगाकर रखें। मास्क का इस्तेमाल बिलकुल न छोड़ें। शारीरिक दूरी का पालन करें। साथ ही अपने हाथों को नियमित अंतराल पर सैनिटाइज करें। इसके अलावा, जब कभी समय और सुविधा मिले, तो अपने हाथों को साबुन और साफ पानी से जरूर धो लें। एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि त्योहारों में भीड़ इकठ्ठा न करें। घर पर ही त्योहारों को मनाएं। जितना हो सके, घर से बाहर कम से कम जाएं और बाहर स्पिटिंग (थूकना) बिल्कुल न करें। इन नियमों का पालन करने से हम सब सुरक्षित रह सकते हैं।

कई शहरों से लोग बिहार पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला जारी है। एम्स पटना के निदेशक डॉ पीके सिंह कहते हैं कि बिहार जैसे राज्य में लोग त्योहार के मौसम में दूर से आते हैं। अपने परिवार के साथ पर्व मनाने आते हैं। रेल, बस और हवाई जहाज की यात्रा करते हैं। मेरी सलाह है कि यदि बहुत अधिक जरूरी न हो, तो इस साल सार्वजनिक यात्रा से बचा जा सकता है। त्योहार अगले साल भी होगा। कोरोना पर देश ने एक बार विजय हासिल कर लिया, तो अगले साल सभी मिलकर त्योहार मनाएंगे। हमें और आपको अभी भी सावधान रहने की जरूरत है।