नई दिल्ली। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई हमारे समाज में सदियों से चली रही है। इसी को लेकर राजधानी दिल्ली स्थित कॉन्सिटीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से ‘नेशनल कंसल्टेशन ऑन चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया’ का आयोजन किया गया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति स्मृति जुबिन ईरानी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं जबकि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में भारत को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष व 14 राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों व उनके प्रतिनिधियों समेत 100 से ज्यादा स्वयंसेवी संगठनों की भी मौजूदगी रही। कार्यक्रम में बाल विवाह वाले देशभर के 250 से ज्यादा संवेदनशील जिलों में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना भी बनी। कैलाश सत्यार्थी ने बीते साल 16 अक्टूबर को बाल विवाह मुक्त भारत आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करना है। यह जमीनी स्तर पर बाल विवाह के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है। इसमें देशभर के 10,000 से ज्यादा गांवों में 75,000 से ज्यादा महिलाओं ने बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए मशाल जुलूस निकाला था। कैलाश सत्यार्थी के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सरकार का समर्थन देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि हम बाल विवाह को इतिहास बनाएंगे।
Thank you behen @smritiirani ji, Minister @MinistryWCD for your insightful thoughts at @KSCFIndia’s National Consultation on Child Marriage today. Your resolve only strengthens our collective will to work towards a #ChildMarriageFreeIndia. pic.twitter.com/z6ztxBboXX
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) February 20, 2023
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘बाल विवाह एक अपराध है और हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम इसे मौजूदा 23 प्रतिशत से शून्य प्रतिशत पर ले आएं। हम बाल विवाह को इतिहास बनाएंगे। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।’ केंद्रीय मंत्री ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में कैलाश सत्यार्थी के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि वह जमीनी स्तर पर काम करने वाले व्यक्ति हैं। कोविड19 के दौरान अनाथ बच्चों के लिए कैलाश सत्यार्थी ने सरकार के साथ मिलकर काम किया। जब सरकार ऐसे बच्चों की तलाश कर उनके पुनर्वास का प्रयास कर रही थी तब कैलाश सत्यार्थी ने ऐसे बहुत सारे बच्चों को खोज निकाला। श्रीमति स्मृति ईरानी ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए कानून अपना काम कर रहा है लेकिन लोगों को इसके लिए सरकार के साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में पुरुषों को भी साथ लाना होगा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘भारत से बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार, सभी स्वयंसेवी संगठनों और लोगों को एकजुट होकर काम करना होगा। हमें कैलाश सत्यार्थी जैसे और लोगों को गढ़ना होगा ताकि इस सामाजिक बुराई को खत्म करने में तेजी आ सके।‘
कार्यक्रम का उद्घाटन बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने वाली बच्चियों ने दीप जलाकर किया। इन बच्चियों ने न केवल खुद का बल्कि दूसरों का भी बाल विवाह रुकवाया है। इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खुशी जताते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री और एक नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति के मंच पर होने के बाद भी इन बच्चियों से उद्घाटन करवाना दर्शाता है कि कैलाश सत्यार्थी बच्चों के प्रति कितना गंभीर हैं।
Joined a National Consultation on Child Marriage Free India organised by @k_satyarthi Ji’s @BBAIndia. Government has implemented stringent laws to curtail child marriages. It is incumbent upon all of us as a society to now completely eliminate this evil practice from our Nation. pic.twitter.com/N4KK2YH10B
— Smriti Z Irani (@smritiirani) February 20, 2023
इस मौके पर देश भर से आए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों, सदस्यों व स्वयंसेवी संगठनों से बाल विवाह के खिलाफ मिलकर काम करने की अपील करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ‘हम बाल विवाह को सामाजिक बुराई और कानूनी अपराध के अलावा मानव स्वतंत्रता, अस्मिता, सामाजिक नैतिकता, समानता और समावेशिता पर एक क्रूर प्रहार मानते हैं। हमें एक देश के रूप में, पीड़ितों को वित्तीय सहायता, कानूनी सहायता और पुनर्वास प्रदान करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। बच्चों, खासकर लड़कियों, की शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सरकार और सभी राजनीतिक दलों से मांग करेंगे कि मुफ्त अनिवार्य शिक्षा की आयु सीमा बढ़ाकर 18 साल की जाए।’