CJI of India : जस्टिस एन.वी. रमना बन गए देश के प्रधान मुख्य न्यायाधीश

भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, जस्टिस नूतलपति वेंकट रमना को 24 अप्रैल 2021 से भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करते हैं।

नई दिल्ली। देश के नए प्रधान मुख्य न्यायाधीश (CJI of India) के रूप में आज जस्टिस एन.वी. रमना (Jusstice N V Ramnna) ने भारतीय संविधान की शपथ ली। एक सादे कार्यक्रम में भारत के राष्ट्पति रामनाथ कोविंद (President of India Ramnath Kovid)ने उन्हें शपथ दिलाई।चीफ जस्टिस एसए बोबड़े के 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद आज जस्टिस एनवी रमन्ना ने 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।

बता दें कि जस्टिस एन.वी. रमना (Jusstice N V Ramnna) आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज हैं, जो मुख्य न्यायाधीश बन हैं। जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है यानी वो दो साल से भी कम समय के लिए मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे।

प्रधान न्यायाधीश (CJI) बोबडे ने उनके बाद पद संभालने के लिए जस्टिस रमना (Jusstice N V Ramnna) के नाम की परंपरा और वरिष्ठता क्रम के अनुरूप हाल ही में अनुशंसा की थी। अधिसूचना के मुताबिक, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, जस्टिस नूतलपति वेंकट रमना को 24 अप्रैल 2021 से भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करते हैं।’

जस्टिस एनवी रमन्ना (Jusstice N V Ramnna) ने शीर्ष अदालत में कई हाई प्रोफाइल मामलों को सुना है। उनकी अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले साल मार्च में अनुच्छेद 370 के खिलाफ कई याचिकाओं को सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ में भेजने से इनकार कर दिया था।

असल में, आंध्र प्रदेश में 27 अगस्त, 1957 को कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में किसान परिवार में पैदा हुए नातुलापति वेंकट रमन्ना ने विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की। रमन्ना ने 10 फरवरी, 1983 को वकील के रूप में न्यायिक करियर शुरू किया।इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 27 जून 2000 को वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए। उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया।