एश्योर आईपी प्रोटक्शन एजेंसी और साइबर क्राइम सूरत की मिलीजुली कार्रवाई , 10 लाख से अधिक का माल जब्त

सूरत। सूरत शहर में नामी गिरामी कंपनी के ब्रांडेड नाम से नकली माल को ऑनलाइन बेचा जा रहा था। शिकायत मिलने पर एश्योर आईपी प्रोटक्शन एजेंसी ने पूरी तहकीकात की। जानकारी और सबूत इकट्ठा होने पर साइबर क्राइम सूरत के साथ संयुक्त छापेमारी कार्रवाई की। इसमें 10 लाख रुपये से अधिक का माल जब्त कर लिया गया और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

एश्योर आईपी प्रोटक्शन एजेंसी के संजय ने पूरी गोपनीयता और तत्परता से पूरी जानकारी इकट्ठा की। इनकी सूचना पर साइबर क्राइम थाना सूरत के पुलिस उपनिरीक्षक जेबी नाहर ने पुलिस बल के साथ इससे अंजाम दिया। छापेमारी के बाद पुलिस की ओर से कहा गया कि जेमिल पुत्र नरेशभाई वेलजीभाई भारोदिया, केनिल पुत्र विनुभाई भायाभाई जसोल्या कई नामी कंपनियों के ब्रांडेड उत्पाद का नकली माल बेचता था। बताया जा रहा है कि यह ऑनलाइन कारोबार करता था। इसलिए साइबर क्राइम ने यह कार्रवाई की। निशानदेही पर इसे नकली माल के साथ गिरफ्तार किया गया है।

सूरत पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है, जिसमें पूरी घटना का विवरण दिया गया है। इसमें कहा गया कि होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड (मैमार्थ) के नाम पर नकली उत्पाद को ऑनलाइन तरीके से बेचा रहा था। अवैध कमाई के लिए दोनों आरोपी तमाम नियमों को धत्ता बता रहे थे। साइबर क्राइम पुलिस ने कंपनी के पैटर्न प्रतीकों की अनुमति के बिना और उन्हें कॉपीराइट का दोषी पाया है। एफआईआर में इस बात का जिक्र है कि विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया और ईपीसीओ के खिलाफ नकली सामान ऑनलाइन बेचा गया। कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 420, 114 और धारा 63, 65 और ट्रेड मार्क की धारा 103, 104 और आईटी अधिनियम की धारा-66 (सी), 66 (डी) के तहत शिकायत दर्ज की गई है।