कांग्रेस के वचन पत्र में प्रदेश के हर परिवार की खुशहाली की गारंटी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों के पार्टी के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी मे महत्वाकांक्षी वचन पत्र जारी करते हुए बताया कि पार्टी को मिले 9 हजार सुझावों पर गंभीरता से चिंतन मनन करने के पश्चात एक साल की अवधि में यह वचन पत्र तैयार किया गया जिसमें जनहित से जुड़े 59 मुद्दों को शामिल किया गया।

मोनिका झा

मध्यप्रदेश विधानसभा के इन चुनावों में भी परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच ही वास्तविक मुकाबला हो रहा है लेकिन कांग्रेस का उत्साह भाजपा से कहीं अधिक है और उसका यह उत्साह उसके इस आत्मविश्वास की गवाही दे रहा है कि 2018 के विधानसभा चुनावों की भांति इस बार भी वह भाजपा को विपक्ष में बैठने पर मजबूर करने में कामयाब हो जाएगी । कांग्रेस पार्टी की पूरी कोशिश इस बात पर है कि इस बार भाजपा के विरुद्ध उसकी जीत का अंतर इतना अधिक हो कि पार्टी में कोई भी विद्रोह उसे सवा साल बाद ही सत्ता गंवाने के लिए विवश न कर सके। एक कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। इन चुनावों में कांग्रेस इसी नीति पर चल रही है और उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनाव घोषणापत्र तक में उसकी यह सतर्कता स्पष्ट देखी जा सकती है। कांग्रेस पार्टी यह मानती है कि शिवराज सरकार भले ही यह दावा करे कि वह समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल रही है परन्तु प्रदेश का सर्वतोमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और उसके लिए जनता कांग्रेस से ही उम्मीद कर रही है। विभिन्न मंचों से कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश की जागरूक जनता को मात्र बड़ी बड़ी घोषणाओं से नहीं लुभाया जा सकता । अब तो वह ऐसे राजनीतिक दल को अपना भरोसा सौंपना चाहती है जो चुनावी घोषणाओं को निश्चित समय सीमा के अंदर अमली जामा पहनाने के प्रति वचनबद्ध भी हो। इस कसौटी पर कांग्रेस पूरी तरह खरी उतरती है।इसीलिए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनावों के पूर्व ही जनता का भरोसा जीतने के लिए घोषणा पत्र की जगह वचनपत्र जारी किया है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि कांग्रेस ने इस वचन पत्र के माध्यम से जनता को यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया है कि इस महत्वाकांक्षी वचन पत्र में की गई घोषणाएं कोरे आश्वासन नहीं हैं अपितु सत्ता में आने पर पार्टी उनके त्वरित क्रियान्वयन के लिए भी वचन बद्ध है।
कांग्रेस का यह सर्वतोमुखी वचन पत्र अनेक दृष्टियों से अनूठा ही नहीं बल्कि संपूर्ण भी है। इस वचन पत्र में जनहित से जुड़ा कोई भी मुद्दा छूटा नहीं है।।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गत दिवस जब दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में पार्टी का वचन पत्र जारी कर रहे थे तब उनके चेहरे के भावों से ऐसा प्रतीत जाहिर हो रहा था मानों यह वचन पत्र आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत की गारंटी हो। इसमें कोई संदेह नहीं कि कांग्रेस पार्टी का वचन पत्र समाज के हर वर्ग के लिए इतना कुछ है जिसके माध्यम से अगले पांच सालों में वे अपने सपनों को साकार होता हुआ देख सकते हैं। समाज का कोई भी व्यक्ति यह शिकायत नहीं कर सकता कि इस वचन पत्र में उसके हितों की उपेक्षा कर दी गई है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी का वचन पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है कि मध्यप्रदेश का हर परिवार खुशहाल हो इसलिए इस बार हमारा नारा है ’ कांग्रेस आएगी, खुशहाली लाएगी ।’ कमलनाथ द्वारा जारी इस वचन पत्र पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े किए हों परंतु उन्हें इस कड़वी सच्चाई का अहसास शायद अभी तक नहीं हो पाया है कि मध्यप्रदेश में एंटी इनकम्बैंसी फैक्टर इन चुनावों में भाजपा की राह में मुश्किलें पैदा कर सकता है जिसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस तैयार बैठी है। यही कारण है कि गत तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा का लोकप्रिय चेहरा रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट मांगने से इन चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी परहेज़ कर रही है। उधर दूसरी ओर कांग्रेस में इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि आसन्न चुनावों में पार्टी को बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री पद की बागडोर कमलनाथ को ही सौंपी जाएगी । इसमें दो राय नहीं हो सकती कि कमलनाथ पार्टी के चुनाव अभियान का सबसे बड़ा चेहरा बन गए हैं।
कमलनाथ ने बताया कि समाज के हर वर्ग की खुशहाली सुनिश्चित करने वाले इस वचन पत्र में किसानों के आर्थिक उन्नयन का विशेष ध्यान रखा गया है। चुनावों के बाद कांग्रेस के पास सत्ता की बागडोर आने पर बेरोजगारों, महिलाओं, बेटियों , खिलाड़ियों, बुजुर्गों , अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय सहित समाज के पिछड़े और उपेक्षित तबकों के जीवन में खुशहाली लाने की गारंटी देने वाले इस वचन पत्र के माध्यम से पार्टी ने प्रदेश की जनता का भरोसा जीतने का जो प्रयास किया है उसमें उसे कितनी सफलता मिलती है यह तो चुनावों के बाद ही पता चलेगा परंतु यह वचन पत्र उसकी नेकनीयती पर कोई सवाल खड़े नहीं करता। कांग्रेस के इस वचन पत्र में मध्यप्रदेश की सात करोड़ जनता के लिए यह संदेश छिपा हुआ है कि प्रदेश 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार गठित होने के बाद जिन जनकल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया गया था उनका द्रुत गति से क्रियान्वयन सत्ता में कांग्रेस की वापसी होने पर ही संभव है। निःसंदेह इस वचन पत्र की संपूर्णता को देखते हुए इसे नकारा नहीं जा सकता। इस वचन पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह सदृश वरिष्ठ नेताओं के जनहितैषी चिंतन और इच्छा शक्ति की झलक भी स्पष्ट देखी जा सकती है।

(लेखिका राजनीतिक विश्लेषक हैं)