नये दिशा निर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कभी भी कोविड का वैक्सीन लगवा सकती हैं, जो महिलाएं गर्भधारण के बारे में विचार कर रही हैं, बेहतर होगा कि वह पहले ही टीकाकरण करा लें। यदि कोई महिला वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज के बाद गर्भवती होती है तब भी चिंता की कोई बात नहीं है। मौजूदा वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक किसी भी स्वीकृत वैक्सीन का भ्रूण पर कोई गलत प्रभाव नहीं देखा गया है। गर्भ ठहरने के 13वें हफ्ते के बाद गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का सबसे आदर्श समय माना गया है। इस समय गर्भवती महिला को टिटनेस टॉक्साइड टीटी का टीका भी लगवाना होता है, उपर्युक्त होगा कि टीटी की वैक्सीन के साथ ही कोविड का वैक्सीन भी ले लिया जाएं। अन्य लोगों को वैक्सीन लगने वाले साइड इफैक्ट्स जितने ही मामूली साइड इफेक्ट्स गर्भवती महिलाओं में भी होगें इससे घबराने की बात नहीं है। अब केवल गर्भवती महिलाएं ही नहीं स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन ले सकती हैं, इससे मां की एंटीबॉडी शिशु के शरीर तक पहुंच जाती है, इसलिए नवजात को संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकता है।
वैक्सीन शोध के लिए देशभर में इस समय कई कमेटियां काम कर रही है। गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन के दायरे में शामिल करने के लिए संबंधित सभी एजेंसियों से सुझाव मांगे गए, इससे पहले आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने इस बात की अनुशंसा की कि कोविड की सभी वैक्सीन गर्भवती महिलाएं और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए सुरक्षित है। इसलिए गर्भवती महिलाएं वैक्सीन ले सकती है इससे गर्भ में पल रहे शिशु की भी कोविड संक्रमण से रक्षा हो सकेगी। विशेषज्ञ कमेटी में एनटागी, नेगवैक के अलावा गर्भवती महिला और नवजात शिशु रक्षा में काम कर रही फॉगसी (द फेडरेशन ऑफ आबस्टे्रटिक एंड गाइनेक्लॉजी) से भी सुझाव मांगे गए।
वैज्ञानिक सुझावों और प्रमाणित शोध के बाद पाया गया टीकाकरण के बाद बनने वाली एंटीबॉडी जिसे इम्युनोग्लोबुलिन ए मां के दूध के जरिए शिशु तक पहुंचती है, इसलिए टीकाकरण के पहले और बाद में भी महिलाओं को स्तनपान जारी रखना चाहिए। इसी तरह गर्भवती महिलाएं भी यदि कोविड संक्रमित होती है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की कभी भी जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में शिशु यदि नौ महीने पहले या प्री मैच्योर बेबी होने पर या वजन कम होने पर शिशु को बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भवती महिला को यदि पहले से वैक्सीन लगा होगा तो ऐसी किसी परेशानी से बचा जा सकता है क्योंकि वैक्सीन संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचाती है। जो गर्भवती महिलाएं मोटापे या थॉयरॉयड की समस्या से पीड़ित रहती हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को इस अतिरिक्त जोखिम से बचाता है।