Punjab Politics : क्या कैप्टन को काबू कर पाएगी कांग्रेस ?

पंजाब की राजनीति गरमा रही है। कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को लेकर पार्टी नेतृत्व चिंतित है। पहले सिद्धू और अब कैप्टर अमरिंदर सिंह को दिल्ली तलब किया गया है। दोनों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया है।

 

नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) के लिए पंजाब की राजनीति को साधना बेहद मुश्किल हो रहा है। अगले साल वहां विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस की अंदरूनी कलह सरेआम हो चुकी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) से कांग्रेस का एक धड़ा नाराज बताया जा रहा है। उसकी अगुवाई पूर्व क्रिकेटर व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू कर रहे हैं।

आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व दोनों को साथ लेकर चलना चाहती है। नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही दिल्ली आकर कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपनी बात रख चुके हैं। राहुल गांधी के बजाय उनकी मुलाकात प्रियंका गांधी से हुई थी।
मंगलवार की सुबह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh)  चंडीगढ से हेलिकॉप्टर से दिल्ली पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी((Sonia Gandhi) के बीच बैठक हुई। बताया जाता है कि इस की बैठक में पार्टी प्रमुख ने 18 बिंदुओं पर उनकी बात सुनी। इस बैठक में सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
असल में, सोनिया गांधी चुनावी साल में कोई गुटबाजी को प्रश्रय नहीं देना चाहती है। मगर जिस प्रकार से पंजाब और राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर ही नाराजगी देखी जा रही है, उससे कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं।
गौर करने योग्य यह है कि कैप्टन के दिल्ली आने से पहले ही कांग्रेस महासचिव सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंची थी। कहा जा रहा है कि प्रियंका ही इस बार पंजाब की स्थिति को करीब से देख और समझ रही है। उसकी कोशिश है कि राज्य में एक साथ आकर मजबूती के साथ चुनावी तैयार करे। दरअसल, जिस प्रकार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने पंजाब जाकर पानी-बिजली और शिक्षा का मुद्दा उठा दिया है, उसके बाद वहां राजनीति दिलचस्प होती दिख रही है।