Delhi High Court : ऑक्सीजन की किल्लत पर क्या कहा दिल्ली हाईकोर्ट ने

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताए ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। दिल्ली सरकार ने अदालत को अवगत कराया कि अगर उसे उसे आवंटित कोटे की 480 टन ऑक्सीजन नहीं मिली तो व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।

नई दिल्ली। दिल्ली में ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत चल रही है। कई अस्पतालों में मरीज मर गए हैं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने साफ कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन में कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में अड़चन डाल रहा है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं, उसे हम लटका देंगे।

आज सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) से कहा कि वह बताए कि कौन ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर रहा है और कहा कि हम उस व्यक्ति को लटका देंगे। न्यायामूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल, बत्रा हॉस्पिटल और सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वकील की ओर से दलीलों को सुनते हुए मामलों में भारी वृद्धि को ‘सुनामी’ करार दिया। बेंच ने कहा कि हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताए ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।

दिल्ली सरकार ने अदालत को अवगत कराया कि अगर उसे उसे आवंटित कोटे की 480 टन ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं मिली तो व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। उन्हाेंने कहा कि शहर में पिछले कुछ दिनों में प्रति दिन केवल 380 टन ऑक्सीजन प्राप्त हो रही थी और शुक्रवार को केवल 300 टन ही ऑक्सीजन मिली है। अदालत ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से यह भी पूछा कि केंद्र द्वारा उसे आवंटित ऑक्सीजन की आपूर्ति प्राप्त करने के लिए टैंकरों की सुरक्षा के उसने क्या कदम उठाए हैं।

पीठ ने केंद्र से मामले में प्रतिक्रिया मांगते हुए कहा, “आपने (केन्द्र ने) 21 अप्रैल को दिल्ली में प्रतिदिन 480 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति का आश्वासन दिया था। हमें बताएं यह कब तक आयेंगा? दिल्ली 480 टन प्रति दिन की अभी भी वाट जोह रहा है।”