कोरोनावायरस महामारी संकट में देश के विपक्षी दलों, न्यायपालिका,एन जी ओ, सामाजिक संगठनों आदि द्वारा जायज मांग, सलाह, सहयोग, पीड़ितो की सेवा आदि से घबराई मोदी सरकार युवा कांग्रेस दफ्तर पर छापा,उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवासन से पूछताछ, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वैक्सीन नीति पर पूछी गई सवालों से घबराहट, तथा दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से आमजनता द्वारा वैक्सीनेशन के संबंध में साटे गए पोस्टर के लिए पच्चीस लोगो पर मुकदमा, एन जी ओ को पीड़ितो के सहयोग में बाधा के लिए फॉरेन कंट्रीब्यूशन रजिस्ट्रेशन अक्ट ( अफ सी आर ए ) में संशोधन कानून बहुत बड़ा बाधा बना हुआ है।
नेताओ ने कहा की कोरोनावायरस महामारी संकट में देश के सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, एन जी ओ, पूंजीपतियों, खिलाड़ियों,कलाकार
सहित आमजन जब एकजुट हो कर लड़ रहे है, तो ऐसी परिस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री महोदय को सभी की बाते सुननी चाहिए, आज देश का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसके कोई न कोई अपने परिवार, दोस्त, रिश्तेदार कलकलवित नहीं हुए है, लोग विचलित हो कर घबराहट में अपने को खोने के दर्द में आखिर किस पर बोलेंगे अपनी सरकार पर ही जिसे लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री को बर्दाश्त करना होगा, ना की उस पर घबराहट में मुकदमा दर्ज करना, पूछताछ करना, कहीं से भी न्याय संगत प्रतीत नहीं होता।
नेताओ ने कहा की जब लोकतांत्रिक देश के कार्यपालिका सिथिल होने लगती है, तो न्याय पालिका सवतः संज्ञान लेकर जनता के हित में काम करने लगती है, जैसा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय, राज्यो के उच्च न्यायालय नित्य दिन के महामारी की मॉनिटरिंग कर सरकार को उचित सलाह दे रही है।