दिल्ली एनसीआर में बिना बिके इन्वेंट्री में सालाना 9% की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई

नई दिल्ली। मजबूत आवासीय मांग और शीर्ष डेवलपर्स की तरफ से लगातार गुणवत्तापूर्ण लॉन्चिंग की वजह से भारत में शीर्ष आठ शहरों में आवासीय कीमतों में सालाना 8% की वृद्धि हुई है। दिल्ली-एनसीआर में आवासीय कीमतों में सबसे अधिक 16% की वृद्धि देखी गई, इसके बाद कोलकाता और बेंगलुरु में क्रमशः 15% और 14% की बढ़ोतरी हुई। बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद, पिछले साल से लगातार मांग के कारण आवास की कीमतें बढ़ रही हैं। हालांकि, अब ब्याज दरों के चरम पर पहुंचने के बाद इसमें होने वाली वृद्धि पर रोक और स्वस्थ घरेलू आर्थिक परिदृश्य से बाजार रुझान में मजबूती बनी रहेगी।
क्रेडाई के प्रेसिडेंट बोमन ईरानी ने कहा, “खरीदारी के अनुकूल ईको-सिस्टम के कारण, पिछली कुछ तिमाहियों से घर खरीदारों की भावना काफी सकारात्मक रही है। यह मजबूत बिक्री आंकड़ों से समर्थित है, जो पिछले कुछ समय में विशेष रूप से भारत के टियर 1 शहरों  नजर आया है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, जो मुख्य रूप से कच्चे माल की बढ़ती लागत और इस निरंतर मांग के कारण है, हम उम्मीद करते हैं कि मजबूत गति जारी रहेगी क्योंकि उपभोक्ताओं ने विशेष रूप से महामारी के बाद बेहतर सुविधाओं के साथ नए, बड़े घर खरीदने की स्पष्ट इच्छा दिखाई है। हरित विकास परियोजनाओं पर भी अधिक जोर दिया जा रहा है क्योंकि घर खरीदारों का झुकाव स्‍थायी घरों की ओर है जो न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि लंबी अवधि में आर्थिक रूप से भी फायदेमंद हैं।”
शीर्ष आठ शहरों में नए लॉन्च में वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि डेवलपर्स ने बढ़ती मांग का लाभ उठाने की योजना बनाई है, जिसके कारण कुल बेची गई इन्वेंट्री में 12% की वृद्धि हुई है। नए लॉन्च में तेजी के साथ, शीर्ष शहरों में बिना बिके लगभग 95% इकाइयां निर्माणाधीन थीं। हैदराबाद में बिना बिके इन्वेंट्री के स्तर में सबसे ज्यादा उछाल सालाना 38% का देखा गया। उसी समय दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु और चेन्नई में बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण बिना बिके इन्वेंट्री में गिरावट देखी गई। बिना बिकी इन्वेंट्री में एमएमआर की अधिकतम हिस्सेदारी 37% रही, इसके बाद पुणे का 13% रहा।
कोलियर्स इंडिया में ऑक्युपायर सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर पीयूष जैन ने कहा, “भारत में रेजिडेंशियल रियल एस्‍टेट ने महामारी के बाद वापसी की और पिछले साल से इसकी मजबूत गति जारी है। घर के स्वामित्व, अपेक्षाकृत वहनीयता, गुणवत्ता आपूर्ति को ज्‍यादा प्राथमिकता देने के साथ, यह क्षेत्र लचीला बना हुआ है, जो वैश्विक प्रतिकूलताओं के बीच उच्च ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों की भरपाई कर रहा है। सकारात्मक बाजार मूल सिद्धांतों को देखते हुए, अंतिम यूजर और निवेशक दोनों ही इस मजबूत बाजार में अपना पसंदीदा स्थान पा सकते हैं। इस उछाल के बीच, भारत में आवास की कीमतों में 2023 की पहली तिमाही के दौरान 8% की वृद्धि देखी गई।”