ड्रग्स के मुद्दे पर संसद में बोले गृहमंत्री अमित शाह,इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि हमारी सरकार ड्रग्स और आतंक पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाती है। लोकसभा में अमित शाह ड्रग्स के मुद्दे पर जवाब दे रहे थे इस दौरान उन्होंने एक तरफ बिना नाम लिए पाकिस्तान तो दूसरी तरफ विपक्ष को जम कर घेरा।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं। इस गंदे पैसे की मौजूदगी भी धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला कर देती है।


हमने राज्यों में ड्रग नेटवर्क की मैपिंग की है। अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगले दो साल में ऐसी स्थिति आएगी कि वह सलाखों के पीछे होगा।हमारी सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है, नशा करने वाले पीड़ित हैं, हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और पीड़ितों को उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए। लेकिन नशा तस्करी में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।अमित शाह ने आगे कहा की सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। हमें सीमाओं, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से दवाओं के प्रवेश को रोकने की जरूरत है। राजस्व विभाग, एनसीबी और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों को एक ही पृष्ठ पर होने वाले खतरे के खिलाफ काम करना होगा,एनसीबी पूरे देश में जांच कर सकती है। यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो एनसीबी प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है। यहां तक कि एनआईए भी राज्यों की मदद कर सकती है यदि जांच देश के बाहर की जानी है.विपक्ष पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा की सीमाएं केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती हैं, लेकिन जब हम बीएसएफ को अधिकार देते हैं तो कहा जाता है कि राज्यों के अधिकार लिए जा रहे हैं, अब वहां बीएसएफ कैसे काम करेगी? बीएसएफ ने जब्त किया नशा लेकिन केस दर्ज करने का अधिकार नहीं, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा दे रहे.बिना अधिकारों के एजेंसियां काम नहीं कर सकतीं, उन्हें अधिकार देने होंगे। हमें अपनी एजेंसियों पर विश्वास दिखाना चाहिए।