नेचुरोपैथी आरोग्य शिविर-द्वारा गाँधी के स्वस्थ भारत के सपनों को साकार करने का प्रयास

आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउंडेशन एवं इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन (INO) द्वारा, पंचम प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर, 18 नवंबर, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक जनमानस में प्राकृतिक चिकित्सा योग के प्रति जन जागरण हेतु नेचुरोपैथी आरोग्य व परामर्श शिविरो के आयोजन का केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने शुभारम्भ किया| इस कार्यक्रम के अंतर्गत सूर्या फाउंडेशन एवं INO के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल जी के मार्गदर्शन में देशभर में 1000 प्राकृतिक चिकित्सा आरोग्य व परामर्श शिविर लगाए जाएंगे, जिसमें लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में परामर्श दिया जायेगा और जागरूक किया जाएगा कि किस तरह से वे अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति अर्थात नेचुरोपैथी से निरोगी एवं स्वस्थ रह सकते हैं|

नई दिल्ली। गाँव – गाँव एवं घर – घर “प्राकृतिक चिकित्सा ” का ज्ञान तथा लाभ पहुँचाने व देश में प्राकृतिक चिकित्सा पर एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय बनाने के उद्देश्य से 18 नवंबर, 1945 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने पुणे, महाराष्ट्र में All India Cure Federation Trust की स्थापना की थी| इस ऐतिहासिक दिवस के उद्देश्य व लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 18 नवंबर को “प्राकृतिक चिकित्सा दिवस” घोषित किया है|
डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने दीप प्रज्वलित करते हुए 1000 आरोग्य व परामर्श शिविरों के अभियान का शुभारम्भ किया | इस अवसर पर उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूर्या फाउण्डेशन व INO देश के सर्वांगीण विकास हेतु पिछले 30 वर्षों से राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ घर-घर में प्राकृतिक चिकित्सा योग का ज्ञान तथा लाभ पहुँचाने का सकारात्मक प्रयास कर रही है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने कहा कि नेचुरोपैथी न केवल उपचार पद्धति है, अपितु यह एक औषधि विहीन ( ड्रगलेस ) उपचार पद्धति है। प्राकृतिक चिकित्सा में खान – पान रहन – सहन की आदतें , शोधन क्रिया, जल चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, मालिश, उपवास आहार चिकित्सा विधाओं पर विशेष बल देती है। इसका वर्णन पौराणिक ग्रंथ व वेदों में मिलता है, अर्थात वैदिक काल के बाद पौराणिक काल में भी यह पद्धति प्रचलित थी। आज भागदौड़ भरी जीवन में फास्ट फूड के प्रति जनमानस विशेषकर युवाओं का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। फास्ट फूड व शारीरिक श्रम नहीं करने से मोटापा , कब्ज , हृदय संबंधी बीमारी डायबिटीज, कैंसर, मानसिक रोग एवं उच्च रक्तचाप जैसे अनेक भयंकर बीमारियों को आमंत्रित किया जा रहा है। देश के युवा व आम जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने हेतु “कौन बनेगा स्वास्थ रक्षक प्रतियोगिता” व अन्य कार्यक्रम उपयोगी सिद्ध होगा। आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने कहा कि जिस प्रकार से श्री जयप्रकाश जी नेचुरोपैथी को एक मिशन के रूप में इसके समग्र विकास हेतु तन – मन – धन से समर्पित होकर आगे बढ़ा रहे हैं , यह देख कर मुझे लगता है सही अर्थों में महात्मा गाँधी जी को यह सच्ची श्रद्धांजलि है । मैं स्वयं 30 वर्षों से INO का सेवा भाव व कार्य के प्रति समर्पण देख रहा हूँ । मैं आश्वस्थ करता हूँ कि मंत्रालय की ओर से यथासंभव सहयोग करता रहूँगा और श्री जयप्रकाश जी का भी सहयोग व मार्गदर्शन आयुष मंत्रालय को मिलते रहेगा ।


INO को भेजे अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि सूर्या फाउंडेशन व नैचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022 के अवसर पर किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकर काफी प्रशंसा हुई। कहा गया है आरोग्यम परमं भाग्यं, स्वास्थयं सर्वार्थसाधनम अर्थात स्वस्थ्य रहने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी समृद्ध व गौरवशाली विरासत संपूर्ण मानवता की धरोहर है, आज दुनिया तन व मन के सामंजस्य और शरीर व प्रकृति के एकात्म की ओर ले जाने वाली प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के गुणों को परखकर तेजी से इसे अपना रही है। आजादी की शताब्दी तक का 25 वर्षो का यह अमृतकाल हम सभी के लिए जी जान से कार्य करने का कर्तव्य काल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर देशभर में आयोजित शिविरों और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अधिक से अधिक लोग जुड़ेंगे और अपने व समाज के उत्तम स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होगें। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संदेश में पूर्व राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोबिंद जी ने सूर्या फाउंडेशन एवं INO के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल जी की प्रशंसा करते हुए कहा की वे प्राकृतिक चिकित्सा के एक ऐसे मनीषी है जो तन मन धन से प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा उतनी ही पुरानी है जितना की मानव शरीर| मानव शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है, इनमे जब तक संतुलन बना रहता है तब तक मानव शरीर स्वस्थ है, इनमें असंतुलन होने से ही शरीर में रोग है तथा इन्ही तत्वों का शरीर में संतुलन करना ही प्राकृतिक चिकित्सा है| उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास करते थे और मानते थे कि जो भी प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाता है उसे दवा व अस्पताल पर निर्भर नहीं रहना पड़ता अर्थात प्राकृतिक चिकित्सा व्यक्ति को स्वस्थ्य स्वावलम्बी बनाता है|
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी ने विश्व प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर अंर्तराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन आईएनओ (INO) और सूर्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित नैचुरोपैथी कार्यक्रम के आयोजन की शुभकानाएं दी। श्री ओम बिरला ने कि पहले गांवों में एक वैद्य होता था जो गांव के सभी लोगों का उपचार करता था, बीते कुछ सालों से हमारी जीवनशैली में परिवर्तन आया है, कई वजहों से कुछ रोगों में वृद्धि हुई है। इसीलिए वर्तमान व्यवस्था के अनुसार आयुर्वेद, नैचुरोपैथी, योग आदि पद्तियां सर्वश्रेष्ठ पद्तियां है। सरकार ने इस पद्धति में शोध और विकास पर ध्यान दिया है, सूर्या फाउंडेशन ने भी इस संदर्भ में काफी सकारात्मक योगदान दिया है। क्योंकि इस पद्धति के कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं इसलिए इसे जनजन तक पहुंचाने की जरूरत है।
सभा को सम्बोधित करते हुए सूर्या फाउंडेशन एवं INO के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल जी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा सस्ती, सरल एवं सुलभ चिकित्सा है जिसे हर व्यक्ति सीख सकता है और सीख कर औरो को भी निरोगी बना सकता है। इस दिशा में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। साथ ही INO के कार्यकर्ता भी देश भर में इस उपचार पद्धति को जन-जन तक एवं घर-घर तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनंत बिरादार ने घोषणा की कि बच्चों एवं वयस्कों में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति रुचि एवं जागरूकता पैदा करने के लिए INO “कौन बनेगा स्वास्थ्य रक्षक” प्रतियोगिता का देश भर मे आयोजन करेगा| ऑनलाइन चलने वाली इस प्रतियोगिता में 6 लाख से भी अधिक लोग भाग लेंगे| देशभर में 1000 प्राकृतिक चिकित्सा आरोग्य एवं परामर्श शिविरों का आयोजन किया जायेगा जिसमें लोगों को इस दवा रहित चिकित्सा पद्धति के माध्यम से मात्र मिट्टी, पानी, धुप, हवा व आकाश से स्वस्थ रहने का परामर्श रूपी मंत्र दिया जायेगा| इस अवसर पर जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि आर्शीवचन दिए। आम जनता में नैचुरोपैथी के प्रचार प्रसार के लिए एशियन मैराथन चैंपियन डॉ. सुनीता गोदारा के नेतृत्व में 11 नवंबर को साइकिल रैली का शुभांरभ किया गया था। इसी क्रम में 18 नवंबर को आयोजित साइकिल रैली राजघाट से होते हुए कार्यक्रम स्थल पर समाप्त हुई।