Election 2021 : पांच राज्यों में चुनाव तारीखों की हुईं घोषणा, 27 मार्च से शुरू होगा चुनाव

बंगाल की राजनीति में खून-खराबा होता रहा है। बीते लोकसभा चुनाव में भी यहां हिंसा हुई थी।ं हाल के दिनों में चुनावी रैलियांे में भी कई लोगों की जानें गई हैं।सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 8 चरण में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है।

नई दिल्ली। शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और केंद्र शासित पुडुचेरी के लिए तारीखों की घोषणा की गई। केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि पहले चरण का चुनाव 27 मार्च, 2021 को होगा। सभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम एक साथ 2 मई को आएंगे।

27 मार्च से शुरू होगा चुनाव, 2 मई को आएंगे नतीजे

केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि पहले चरण का चुनाव 27 मार्च, 2021 को होगा। सभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम एक साथ 2 मई को आएंगे। अरोड़ा ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ यहां आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू हो जाएगी।

असम- तीन चरण में चुनाव, पहला फेज 2 मार्च को नोटिफिकेशन, नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 9 मार्च, 27 मार्च को मतदान, 2 मई को मतगणना। असम में दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होगा, तीसरे चरण का चुनाव 40 सीटों पर 6 अप्रैल को होगा। केरल में एक चरण में मतदान होगा। मतदान 6 अप्रैल को होगा। मल्लापुरम लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी उसी दिन होगा। पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा। यहां भी 6 अप्रैल को वोटिंग होगी।तमिनाडु में सभी 234 सीटों पर एक चरण में ही मतदान होगा। 6 अप्रैल को वोटिंग होगी।

पश्चिम बंगाल में 8 चरण में मतदान

सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 8 चरण में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है। पुरुलिया बांकुरा, झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर पार्ट वन, पूर्व मिदनापुर पार्ट 1 को पहले चरण में 27 मार्च को चुनाव होगा। बंगाल में दूसरा चरण 1 अप्रैल, बांकुरा पार्ट टू, पश्चिम और पूर्वी मिनदनापुर पार्ट 2, साउथ 24 परगना पार्ट 1। बंगाल में तीसरे चरण का चुनाव 6 अप्रैल को होगा। चौथे चरण का चुनाव हावड़ा पार्ट 2, हुगली पार्ट 2, साउथ परगना पार्ट 3, अलीपुरद्वार, कूच बिहार, में 9 अप्रैल को मतदान होगा।

पांचवें चरण का मतदान 17 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। छठे चरण में 22 अप्रैल को 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 विधानसभा सीटों पर और अंतिम व आठवें चरण में 29 अप्रैल को 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

इससे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोडा ने कहा कि कोरोना काल में हमने बिहार विधानसभा चुनाव कराए हैं। हमारे कई कर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए। यदि हम चुनाव कर्मी को कोरोना वारियर्स कहें, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व हमारी टीम ने पांचों राज्यों का दौरा किया है। वहां के अधिकारियों से बात की। सुरक्षा का जायजा लिया है। उसके बाद ही हमने चुनाव के तारीखों की घोषणा की है। हमें अपने देश की जनता के स्वास्थ्य सुरक्षा की पूरी चिंता है।

2.7 लाख केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग करेंगे मतदान 

इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब यहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे अब 1,01,916 चुनाव केंद्र होंगे। असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी। तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी।

वोटर को मिलेगा अतिरिक्त समय

केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि नामांकन दाखिल करते समय उम्मीदवार के साथ केवल 2 लोग होंगे और वाहनों की संख्या भी 2 से अधिक नहीं हो सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सीसीटीवी की निगरानी में मतदान होगा। सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होंगे। सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा सीट, असम के 126 विधानसभा सीट, तमिलनाडु के 234 सीट, केरल के 140 सीट सहित केंद्र शासित पुडुचेरी के 30 विधानसभा सीट के लिए चुनाव होंगे। पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा दांव पर होगी, जबकि असम में बीजेपी बहुमत वाली अपनी पहली सरकार को बचाने के लिए चुनावी समर में उतरेगी। तमिलनाडु में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी एआईएडीएमके और डीएमके के बीच होगा। यह पहला चुनाव होगा, जब दोनों ही दलों के दिग्गज नेता रहे जयललिता और के. करुणानिधि की गैर-मौजूदगी में चुनाव होगा। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में हाल ही में फ्लोर टेस्ट में असफल रहने के बाद कांग्रेस की सरकार गिरी है।

बीते कुछ सालों में बीजेपी ने यहां तेजी से अपनी पैठ बनाई है और मुख्य मुकाबला कांग्रेस, बीजेपी और डीएमके के बीच देखने को मिल सकता है। पुडुचेरी की राजनीति में आमतौर पर तमिलनाडु से प्रभावित रही है। ऐसे में डीएमके भी यहां बड़ा फैक्टर होगी। किसान आंदोलन के दौर में हो रहे इन चुनावों को मोदी सरकार के लिए भी एक परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। यदि इन चुनावों में बीजेपी को असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सफलता मिलती है तो यह उसके लिए बड़ी कामयाबी होगी। बता दें कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया था। ऐसे में ममता बनर्जी के सामने वह कड़ी चुनौती पेश कर सकती है।