Family Time, सफलता का मंत्र है एकता, जरूरी है परिवार में प्यार, कैसे? जानें?

आप जिंदगी में सफलता के हर आयाम को पाना चाहते हैं, तो परिवार में एकता और प्यार बनाएं रखें। ये आपको अंदर से खुश रखेगा। फिर देखिए कैसे फैमिली लव का असर आपके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ कहां से कहां तक पहुंचाएगा। और तो और उन्हें सिखाएं कि कैसे सामने वाला उन्हें लाइक करें। आखिर सिखाने की जिम्मेदारी तो आपकी है।

नई दिल्ली। आप कितने भी बिज़ी रहें, लेकिन दिन में से कुछ घंटे सिर्फ और सिर्फ फैमिली के लिए निकालें। ऐसा करके आप ही नहीं पूरी Family खुश होगी। यह खुशी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भई, अंदर से खुश होंगे तभी तो प्रोफेशनल वर्क झक्कास होगा। और परिवारवालों को भी अंदर से हैप्पीनेस फील होगी। अगली बार डिनर टेबल पर बैठें, तो कोशिश करें कि हर कोई अपना दिल खोले। अक्सर जब डिनर टेबल पर जब Family साथ होती है, तो सभी सदस्य दिनभर की बीती शेयर करते हैं। कोई अच्छी करता है, तो कोई बुरा। छोटू टीचर के डांटने की बात बताता है, तो बेटी कॉलेज में बैचमेटस से नजरअंदाज रवैये की बात से परेशान दिखती है, तो मम्मी मोहल्ले की आंटीज के बेवजह घूरने से परेशान दिखती हैं, चाचू ऑफिस पॉलिटिक्स से बौखलाए दिखते हैं। आमतौर पर ऐसा होता है। परिवारवालों की बेफिजूल परेशानियां पूरे घर में स्ट्रेस की वजह बन रही हैं। और अंदर ही अंदर आपके अपनों को सेहत को लील रही है। ऐसे में आप उन्हें सिखाएं जादू यानी दूसरों की पसंद बनने का।

दूसरों की मदद क्यों करें? – हम दूसरों की मदद या उनको कष्ट केवल और केवल अपने मन की शांति व अहम को पुष्ट करने के लिए ही करते है। समस्या तब पैदा होती है जब हम किसी की सहायता करने के बदले कुछ अपेक्षा करने लगते है।

एंटरटेनर बनें – आप अपने व्यवहार में अच्छा हंसी-मजाक, हाजिर जवाबी और जानकारी को शामिल करें, ताकि आपकी बातों से सामने वाले का मनोरंजन के साथ-साथ करेंट अफेयर्स में इजाफा हो।

सबकी सुनिए – अगर आप कुछ कहने को बेताब हैं, तो उसमें बिना एक शब्द काटे पूरा बोल डालिए। ठीक उसी तरीके से जब दूसरे बोल रहे हों तो लोगों को अपनी बहुमूल्य सलाह न देते हुए उन्हें सुनना चाहिए।

रोना-धोना नहीं – परिवार को बताएं कि जो लोग जिम्मेदारी को आगे बढ़ कर लेते हैं। वे समय, परिस्थिति और स्थान का रोना नहीं रोते। वे काम करते हैं। इसलिए रोना बंद कीजिए।

टच-वच से दूरी – आप परिवार को बताएं कि हर बात को कहने के लिए सामने वाले को छूकर बातें करना सही नहीं है। छूना सिर्फ एक दायरे में होना चाहिए। छूने का मतलब यह नहीं है कि बातचीत के दौरान सामने वाले से लिपट ही जाएं।

तारीफ का मौका – आपमें खुद की तारीफ करने की आदत है, तो तुरंत छोड़ दें। अन्यथा लोग आपसे दूर भागेंगे। माना समय-समय पर अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए, लेकिन इतनी नहीं कि सामने वाला आपके लिए गुडी नहीं बैड इमेज बना लें।

रहें स्माइली-स्माइली – लोगों को मौका दीजिए कि वह आपके साथ बिताएं, अपने गुणों को सलीके से दिखाइए, जिससे लोग आपकी तारीफ करें। हमेशा मुस्कराएं, खुश रहें और अच्छा सोचें।