किसान आंदोलन: दिल्ली ही नहीं, दूसरे राज्यों में रहा चक्का जाम

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बड़े खुले मन से इसके समाधान में लगी हुई है, जो भी कानून बने हैं वो किसान हित में हैं। विडंबना ये है कि इन्हीं कानूनों को बनाने के लिए पिछली सरकारें भी बहस करती रहीं और अब उन मुद्दों पर आपत्ति जताई जा रही है जो इनमें हैं ही नहीं।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन की तासीर बढती ही जा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों की ओर से देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया गया। दिल्ली की सीमाओं सहित दूसरे राज्यों में किसान नेताओं ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच चक्का जाम किया। इसके तहत कई हाइवे को भी जाम किया गया। सुरक्षा को देखते हुए दिल्ली में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। कई मेट्ो स्टेशन पर आने जाने की मनाही रही। खबर लिखे जाने तक कहीं से कोई अप्रिय घटना होने की जानकारी नहीं है।

दिल्ली में किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में बुलाए गए चक्का जाम को देखते हुए शहीदी पार्क के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद, दिल्ली पुलिस ने शहर और इसी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी करने और सतर्कता बढ़ाने समेत अतिरिक्त कदम उठाए हैं। लाल किले एवं आईटीओ समेत राष्ट्रीय राजधानी के अहम स्थानों पर बलों को तैनात किया गया है। लाल किले और आईटीओ पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। पुलिस प्रदर्शन स्थलों पर कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और MSP पर क़ानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा। आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा।

 

बता दें कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया। किसानों ने मोहाली में चक्का जाम किया। किसानों ने मैसूर-बेंगलुरु हाइवे पर चक्का जाम किया। किसानों ने बनकापुर टोल पर और टोल के पास नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया।

जम्मू-कश्मीर में जम्मू-पठानकोट हाईवे पर चक्का जाम किया। शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया। विभिन्न किसान निकायों से जुड़े प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को विभिन्न स्थानों पर राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

भारती किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि वे पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं। इससे पहले सुबह के समय किसानों ने दोनों राज्यों में चक्का जाम के लिये प्रदर्शन स्थलों पर एकत्रित होना शुरू कर दिया। अंबाला के निकट शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘बुजुर्ग और युवा चक्का जाम में हिस्सा लेने के लिये यहां एकत्रित हुए हैं।’

वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बड़े खुले मन से इसके समाधान में लगी हुई है, जो भी कानून बने हैं वो किसान हित में हैं। विडंबना ये है कि इन्हीं कानूनों को बनाने के लिए पिछली सरकारें भी बहस करती रहीं और अब उन मुद्दों पर आपत्ति जताई जा रही है जो इनमें हैं ही नहीं।