21 दिनों में कोरोना टीकाकरण में 50 लाख के स्‍तर पर पहुंचने वाला सबसे तेज देश बना भारत

जब कोरोना महामारी भारत में आई तब कोई कोविड सेंटर नहीं थे, कोई पीपीई किट नहीं बनाता था, बहुत ही कम लोग मास्क और हैंड सैनिटाइजर बनाते थे। लेकिन इस दौरान आप सबके प्रयासों से हमने 16,000 कोविड सेंटर बनवाए, हमारे पास मास्क और पीपीई किट बनाने वाली 1,000 कंपनी है।

नई दिल्ली। कोरेाना संक्रमण ने भले ही कई चीजों को रोकी हो, लेकिन उसके निदान में भारत नए आयाम गढ रहा है। भारत ने कोरोना टीकाकरण अभियान में नया कीर्तिमान बना लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि भारत ने 20 करोड़ से अधिक कोविड परीक्षण करके एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड दर्ज किया है। 6 फरवरी, 2021 सुबह 8 बजे तक राष्‍ट्रव्‍यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत कुल 54 लाख (54,16,849) से अधिक लाभार्थियों को टीके लग गए हैं। भारत कोविड-19 टीकाकरण के 50 लाख के आंकड़े पर पहुंचने वाला सबसे तेज देश बन गया है। भारत ने यह उपलब्धि केवल 21 दिनों में हासिल की है। कई अन्‍य देशों में कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया 60 से अधिक दिनों से चल रही है।

बता दें कि भारत ने कोविड-19 के कुल परीक्षणों में अभूतपूर्व रिकॉर्ड दर्ज किया है। आज कोविड-19 के परीक्षणों की कुल संख्‍या 20 करोड़ (20,06,72,589) के महत्‍वपूर्ण स्‍तर को पार कर गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान 7,40,794 परीक्षण किए गए। परीक्षण बुनियादी ढांचा में लगातार देशव्‍यापी विस्‍तार ने कोविड के परीक्षणों की संख्‍या तेजी से बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज देश में 2,369 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 1,214 सरकारी तथा 1,155 निजी प्रयोगशालाएं हैं। इनसे परीक्षण क्षमता को काफी बढ़ावा मिला है। कुल संक्रमण दर घटकर वर्तमान में 5.39 प्रतिशत हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि भारत में अब कोरोना वायरस के सक्रिय मामले घटकर 1.5 लाख से कम हो गए हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 8 महीने में सबसे कम है।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर का कहना है कि जब कोरोना महामारी भारत में आई तब कोई कोविड सेंटर नहीं थे, कोई पीपीई किट नहीं बनाता था, बहुत ही कम लोग मास्क और हैंड सैनिटाइजर बनाते थे। लेकिन इस दौरान आप सबके प्रयासों से हमने 16,000 कोविड सेंटर बनवाए, हमारे पास मास्क और पीपीई किट बनाने वाली 1,000 कंपनी है। आज हमारे लिए लोगों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस बार के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य सेक्टर को ज़्यादा प्राथमिकता दी है।