किसान की मौत बोले राकेश टिकैत, हमें हल्केे में न ले सरकार

पहले शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुए किसान आंदोलन में टीकरी बाॅर्डर पर एक शख्स के जलने की सूचना मिलती है। उसकी मौत होती है और पुलिस एक नामजद को हिरासत में लेती है। इस पर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई। शनिवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने सीधे केंद्र सरकार पर हमला किया है।

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान की मौत हो गई। उसकी मौत को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। उसके बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हुई और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेकर भी सवाल हुए। इन सवालों के बाद शनिवार को राकेश टिकैत ने अपनी चुप्पी तोडी और कहा कि हम किसानों को केंद्र सरकार हल्के में न लें। हम लोगों ने अपना घर-बार कई महीनों से छोडा हुआ है। हम अपना अधिकार लेकर ही जाएंगे।

बता दें कि 16 जून की रात टीकरी बाॅर्डर पर एक किसान के जलने की सूचना मिली। आरोप लगाया कि प्रदर्शन से जुडे कुछ लोगों ने आग लगाई थी। किसान हरियाणा के झज्जर के एक 42 वर्षीय निवासी की जलने के कारण मौत हुइै थी। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके जांच शुरू कर दिया है। बताया गया कि पीड़ित कसार गांव का एक बस ड्राइवर मुकेश हैं। पुलिस की ओर से कहा गया कि इस मामले में जींद के रहने वाले आरोपी कृष्ण को गिरफ्तार किया गया।

टीकरी बॉर्डर की घटना पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इसे मर्डर नहीं कह सकते। एक बयान उसने सरपंच को दिया, कहा कि तेल गिराकर आग लगाई। दूसरा मरने वाले के ही बयान हैं उसमें कहा कि मेरा घर से झगड़ा हो रहा था और मैं खुद पेट्रोल लाया। उसकी पेट्रोल लाने की फूटेज भी है। इसकी जांच हो जाए।

शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की ओर से कहा गया कि देश की राजधानी को किसानों ने पिछले 7 महीनों से घेर रखा है। भारत सरकार को शर्म नहीं आती? हम कहां बैठें? हमारा कोई घर है वहां। ये गलतफहमी सरकार अपने दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस जाएगा।

देखा जाए तो गाजीपुर बाॅर्डर और टीकरी बाॅर्डर पर, जहां किसान आंदोलन चल रहा है, वहां पहले जैसी चहल पहल नहीं है। न तो किसानों का हुजूम है और न ही मीडिया के लोग। पहले आम लोग भी आते जाते यहां रूकते थे और किसानों की बात सुनते थे। मगर बीते कुछ दिनों से यहां ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है।