नई दिल्ली। दिल्ली के लिए खुशखबरी है। खासकर दिल्ली विश्वविद्यालय में पढने और पढानेवालों के लिए। दिल्ली विश्वविद्यालय में चरणबद्ध तरीके से सभी विभाग दोबारा खोले जा रहे हैं और इस प्रकिया में शोध छात्रों तथा शिक्षकों को केंद्रीय पुस्तकालय और उसके पठन कक्षों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी।
विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि यूजीसी तथा दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय प्रणाली के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए पुस्तकालय पुनः खोला जाएगा।
अधिसूचना में बताया गया, “डीयूएलएस के तहत पुस्तकालय को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। पहले चरण में केवल शिक्षकों, पीएचडी/एमफिल शोधार्थियों को ही पुस्तकालय के पठन कक्षों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। सोमवार से शुक्रवार सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक पठन कक्ष इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी।”
छात्रों के लिए यह बेहद खुशी की बात है। शोधार्थी मनीष कुमार सिंह ने कहा कि बहुत दिन से इसकी जरूरत थी। हमारे लिए बेहद सुकून का पल है। अब हम रूके हुए कार्यों को जल्दी से कर पाएंगे।
असल में, यह निर्णय तब लिया गया, जब दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना संक्रमण की गति में कमी आई है। आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश में कुल 52,90,474 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया है। आज पूरे देश में 3,31,029 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाया गया।
भारत में सक्रिय मामलों की कुल संख्या लगातार गिरावट की ओर है। कुल सक्रिय मामलों की संख्या घटकर आज 1.51 लाख (1,51,460) पर आ गई। यह संख्या आज की तिथि तक दर्ज कुल मौतों (1,54,823) के कम है। इसके साथ ही भारत में कुल सक्रिय मामले कुल पॉजिटिव मामलों का सिर्फ 1.40 प्रतिशत हैं। भारत में प्रतिदिन सामने आने वाले नए मामलों की संख्या में भी गिरावट का रुख जारी है। पिछले 24 घंटे में 12,408 नए पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं।
भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर 7,828 मामले दर्ज हो रहे हैं और वह विश्व भर में सबसे कम मामले दर्ज करने वाले देशों में शामिल हो गया है। रूस, जर्मनी, इटली, ब्राज़ील, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में यह संख्या कहीं ज्यादा है।