नभः स्पृशं दीप्तम्: अपनी सूक्ति को साकार करता भारतीय वायुसेना

भारतीय नौसेना सु-30एमकेआई फाइटर जेट को भी दर्शाया गया। ये फाइटर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एयर लॉन्च्ड वर्जन है। वायुसेना का ये स्क्वाड्रन इन मिसाइलों से लैस है, जो 400 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है।

नभः स्पृशं दीप्तम् – यह केवल कहने और पढने के लिए नहीं है। 21वीं सदी कें 21 वर्ष में प्रवेश करते ही भारतीय वायुसेना ने इसे अपने सामथ्र्य से साकार कर दिया है। बेंगुलुरू के नीले आसमान में जब विदेशी राफेल के साथ तेजस की युगलबंदी हुई, तो वहां मौजूद रक्षावीरों के साथ पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना का सामथ्र्य देख कर दंग रह गई। दो दिनों के एयरो इंडिया 2021 में भारतीय वायुसेना ने जिस दमदारी और चपलता से अपनी ताकत और धैर्य को दिखाया है, उससे हर भारतीय का सीना गर्व से चैडा हो गया है।

एयरो इंडिया शो में भारतीय नौसेना के सुर्य किरण एयरोबैटिक और सारंग हेलिकॉप्टर ने एक टीम ने एयरोबैटिक प्रदर्शन किया। इसके अलावा अमेरिकी बी-1बी लांसर एयरक्राफ्ट ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस विमान संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण डकोटा के किसी एयरबेस से उड़ान भरकर बंगलूरू तक आने में 26 घंटे का समय लगा। कार्यक्रम में एयरक्राफ्ट्स ने आत्मनिर्भर निर्माण में फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। इसके अलावा एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट ने नेत्रा फॉर्मेशन में फ्लाई पास्ट किया।

कार्यक्रम में भारतीय नौसेना सु-30एमकेआई फाइटर जेट को भी दर्शाया गया। ये फाइटर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एयर लॉन्च्ड वर्जन है। वायुसेना का ये स्क्वाड्रन इन मिसाइलों से लैस है, जो 400 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है।

पहले विदेश से लोग अपनी टेक्नॉलजी यहां लाकर शोकेस करते थे, और यहां की इंडस्ट्री उनके साथ हाथ मिलाकर उस टेक्नॉलजी को हासिल करती थी। अब भारत शोकेस कर रहे हैं। इस बार शो में एचएएल द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर करतब दिखा रहे हैं। इन हेलिकॉप्टरों में में जहां से धुआं निकलता है उसे स्टफ विंग्स कहते हैं। जिनमें हार्ड पॉइंट्स होते हैं जिनमें हथियार लोड किए जाते हैं। रॉकेट या मिसाइल यहां पर लोड होती है।
एयरो इंडिया में सारंग एयरोबेटिक हेलिकॉप्टर टीम और सूर्यकिरण टीम एक साथ डिस्प्ले कर रही है। अभी तक दोनों टीम अलग-अलग एयरोबेटिक करती थीं लेकिन इस बार हेलिकॉप्टर और फिक्स्ड विंग की डिस्प्ले फ्लाइट एक साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी हेलिकॉप्टर भारत के ही हैं। अडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव को एयरोबेटिक टीम में कन्वर्ट किया गया है। इस दौरान पायलट ने कौशल क्षमता और एकाग्रता का प्रदर्शन किया।

कहा से आया नभः स्पृशं दीप्तम् ?

बता दें कि वायुसेना जब से अस्तित्‍व में आई है तब से लेकर आज तक अपने ध्येय वाक्‍य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ को सच करती आ रही है। क्‍या आप जानते हैं कि यह ध्‍येय वाक्‍य भगवद्गीता से लिया गया है। ‘नभ: स्‍पृशं दीप्‍तम, यानी गर्व के साथ आकाश को छूना। नीला, आसमानी नीला और सफेद इसके रंग हैं। भारतीय वायुसेना का यह ध्‍येय वाक्‍य गीता के 11वें अध्‍याय से लिया गया है।

जो आदर्श वाक्‍य आईएएफ ने अपनाया है वह इस श्‍लोक का हिस्‍सा है, ‘नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्, दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।’

इसका अर्थ है, ‘हे विष्‍णु, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त एवं फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं।’