नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया। पिछले कुछ दिनों से पीएफआई के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करके सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मंगलवार को पीएफआई के खिलाफ केंद्र की ओर से दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई की गई थी। पीएफआई से जुड़े 270 लोगों को 7 अलग-अलग राज्यों से हिरासत में लिया गया था। इन लोगों पर आरोप है कि ये संभवत: हिंसा फैलाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे। छापेमारी के दौरान उत्तर प्रदेश से 56 लोगों को गिरफ्तार किय गया, कर्नाटक से 74, असम से 23, दिल्ली से 34, महाराष्ट्र से 47, मध्य प्रदेश से 21, गुजरात से 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
PFI बैन पर उ.प्र. के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी। विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी। जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है उसकी पूरे देश ने सराहना की है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी का कहना है कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है।भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।
Karnataka Home Minister welcomes Centre's ban on PFI, 5 others for terror links
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— ANI Digital (@ani_digital) September 28, 2022
PFI बैन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का कहना है कि इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था। भारत सरकार ने सही फैसला लिया है। यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है। मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था। यहां पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार था उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इसपर(PFI) बैन जरूरी था।