नई दिल्ली। हरिद्वार में महाकुंभ (Haridwar Kumbh 2021) चल रहा है। शाही स्नान के दौरान साधुओं के साथ लाखों लोगों ने गंगा (Ganga) में स्नान किया। उसके बाद आमलोगों के साथ ही कई साधुओं के कोरोना (COVID19) संक्रमित होने केी खबर आई। इसके बाद प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है कि इसका प्रसार कहां तक हुआ होगा ? इसकी जांच की जा रही है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कुंभ को अब प्रतीकात्मक करने को कहा है।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधुओं के बारे में जानकारी हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी (Awdheshanand giri ji) से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को #COVID19 के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021
इसके जवाब में महामंडलेश्वर अवेधशानंद गिरि जी (Awdheshanand giri ji) महाराज ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! स्वयं एवं अन्यों के जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए #COVID के नियमों का निर्वहन करें !
माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! स्वयं एवं अन्यों के जीवन की रक्षा महत पुण्य है।मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए #COVID के नियमों का निर्वहन करें ! @narendramodi @AmitShah @TIRATHSRAWAT #KumbhMela2021 #कुम्भमेला https://t.co/zax1JA60nT
— Swami Avdheshanand (@AvdheshanandG) April 17, 2021
बता दें कि हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल के बीच 1700 से अधिक लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बीच आशंका जताई जा रही है। कोविड-19 (COVID-19,) की वजह से हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh 2021) की अवधि घटाकर मात्र एक महीने रखी गई थी, जबकि सामान्य परिस्थितियों में हर 12 साल में लगने वाले वाला कुंभ मेला मध्य जनवरी से अप्रैल तक चलता है।