यमुनानगर। आपदा में अवसर अक्सर हो ही जाता है। आम जनता अपनी बीमारियों से परेशान है और व्यवस्था में लगे लोग अपनी कमाई का रास्ता निकाल लेते हैं। हरियाणा में आजकल यही हो रहा है। डेंगू का कहर बढ़ा, तो कई जिले में जांच किट का दाम बढ़ा दिया गया है।
कोरोना में कमी आई तो कई जिलो में डेंगू का कहर बढ़ रहा है। यमुनानगर में भले ही कुछ दिनों से नए मरीज की आमद नहीं हुई हो, लेकिन लोगों में दहशत है। इसी दहशत का नतीजा है कि जांच किट का दाम बढ़ गया। हर कोई इसे अपने लिए सुरक्षित रख लेना चाहता है। निजी अस्पतालों में अधिक भीड़ लग रही है। अभी भी निजी अस्पतालों में वायरल व डेंगू के काफी मरीज दाखिल हैं।
सरकारी विभाग से प्राप्त रिकार्ड के अनुसार, अभी तक 107 मरीज हैं। निजी अस्पतालों में इससे कही अधिक मरीज दाखिल हैं। इन सबके बीच डेंगू की जांच के लिए आने वाली एनएस वन किट की भी किल्लत हो गई है। निजी लैब संचालकों को यह किट 400 से 450 रुपये में मिल रही है। बता दें कि पहले यह किट महज 150 रुपये में मिलती है। किट महंगी होने से निजी लैब संचालकों ने भी जांच की दर बढ़ा दी है। इससे मरीज और उसके परिजनों को अधिक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच निशुल्क होती है, लेकिन निजी लैब पर अलग-अलग रेट हैं। सरकारी अस्पतालों में एलाइजा टेस्ट किया जाता है। यही मान्य है, लेकिन निजी लैब पर एनएस वन कार्ड के जरिए टेस्ट किया जाता है। एलाइजा में जहां 95 प्रतिशत तक सही रिजल्ट आता है। वही एनएस वन कार्ड में 90 प्रतिशत तक रिजल्ट आता है। इसके बावजूद लोग निजी लैब पर ही जांच कराने के लिए अधिक जा रहे हैं। यही वजह है कि पहले जहां एनएस वन कार्ड 150 रुपये तक में मिलता था। अब यही 400 से 450 रुपये तक में मिल रहा है।