रांची। गांव के खुले में शौच से मुक्त होने पर पर्यावरण और स्वास्थ्य के सेहत में सुधार तो हुआ ही है समाज में भी इसके कई सुखद परिणाम सामने आए हैं। उन्हीं में एक है राजधानी रांची से सटे सपारोम का ये एक खूबसूरत तालाब, जहां हर सुबह शौच करने वालों का तांता लगा होता था। गांव की बहू बेटियां सुबह में शर्म वस तालाब जा नहीं पाती थी मगर अब वहां लड़कियां मॉर्निंग वॉक करती नजर आती हैं।
यह है राजधानी रांची से सटे सपारोम नया सराय का वह खूबसूरत तालाब जहां हर सुबह कभी शौच करने वालों की भीड़ होती थी। मगर अब यह पार्क के रूप में तब्दील हो रहा है। सपारोम गांव की जलसहिया सरोज खलखो बताती हैं कि पहले यहां हर सुबह आसपास के तीन चार गांव के लोग शौच के लिए आते थे, मगर जबसे हर घर में शौचालय का निर्माण हुआ यह तालाब शौच मुक्त हो गया है।
सरोज खलखो, जल सहिया, ने बताया कि तालाब के शौच मुक्त होने से यहां सुबह में चहल पहल भी बढ़ गई है। अब आसपास के गांव के लोग यहां मार्निंग वाक के लिए पहुंचते हैं। सपारोम गांव की बेटी संगीता खलखो कहती है कि पहले सुबह में हम लोगों को यहां आने में शर्म महसूस होती थी। मगर अब हम लोग हर सुबह घूमने आते हैं।
Bhagwan Birsa Munda lives in the hearts and minds of crores of Indians.
Paid tributes to him during #MannKiBaat today.
I’d urge you all to read about him and about the rich contributions of our tribal communities in the freedom struggle. pic.twitter.com/x033k5i0jQ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2021
संगीता खलखो, स्थानीय निवासी का कहना है कि बदलाव की ये कहानी यहां पिछले दो तीन सालों में दिखी है। पहले जो लोग यहां खुले में शौच के लिए आते थे वो अब स्वीकार करते हैं कि सरकार द्वारा हर घर में शौचालय बना दिए जाने के बाद यहां शौच के लिए अब कोई नहीं आता, जिसका सकारात्मक असर साफ नजर आता है।
केंद्र सरकार के स्वच्छता और पेयजल विभाग द्वारा हर घरों में शौचालय का निर्माण करा दिए जाने से गांव में कई सामाजिक परिवर्तन हुए हैं। सपारोम का यह खूबसूरत तालाब इसका जिंदा उदाहरण है । इलाके में गंदगी से होने वाली बीमारियों में भी कमी आई है।