Health Experts Tips : लोगों को समझना होगा अपना दायित्व, पालन करें कोरोना उपयुक्त व्यवहार

अभी भी कई राज्यों से यह खबर पढने-सुनने में आती है कि लोग न तो मास्क लगाते हैं और न ही कोरोना वैक्सीन के लिए केंद्रों तक जाते हैं। सरकार की ओर से तमाम माध्यमों से यह संदेश दिया गया कि अभी के समय में कोरोना नियमों का पालन करें और वैक्सीन लगवाएं। बावजूद, इसके लोग अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह नहीं कर रहे हैं। लोग अपने दायित्व को समझें। देश को स्वस्थ और सुरक्षित करने में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है।

डॉ विकास भाटिया, कार्यकारी निदेशक व सीईओ एम्स बीबीनगर, हैदराबाद

देश नहीं नहीं विदेश में भी कोरोना से लोग जंग लड़ रहे हैं। वैक्सीनेशन जारी है। सरकारी स्तर पर तमाम मशीनरी अपना काम कर रही है। कमी आती है तो लोगों के सहभागिता की। जरा सा संक्रमण कम होता है, लोग अपने सामाजिक दायित्व को भूल जाते हैं। कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना कम करने लग जाते हैं। नतीजा, प्रतिकूल ही होता है।
वर्ष 2020 में सरकार की ओर से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई, लेकिन इसके बाद केन्द्र सरकार की सलाह पर राज्यों ने अपने सीमा क्षेत्रों में पाबंदी लगाई है। जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण की गति तेज है, वहां अधिक पाबंदियां लगाई गईं। लोगों ने नियमों का पालन किया, तो संक्रमण की दर में कमी होने लगी। इन नियमों के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से समय-समय पर कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की हिदायत दी जाती है।
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि इंसान सबसे समझदार प्राणी है। समय के साथ सामंजस्य करने की इसमें गजब की क्षमता है। हम सामाजिक प्राणी हैं, मगर कोरोना ने हमारी स्वभाविक गतिविधियों को जानलेवा कमजोरी में बदल दिया है। हमें अपनी पुरानी दिनचर्या और आदतों को अब नई आदतों और तौर-तरीकों से बदलना होगा। अपने आचरण को इस महामारी के हिसाब से ढालना होगा। तो सवाल उठता है कि हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए? आज जब कोरोना के कारण हाथ मिलाना और गले लगना सही नहीं माना जा रहा है, तब भी हम कैसे ऐसे आचरण को करते रह सकते हैं?
इसका एक ही जवाब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से जो सलाह दी जा रही है, उसका पालन करें, तों आप सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। देश के जाने-माने डॉक्टर्स और वैज्ञानिक भी देश के लोगों से कोरोना से जंग लडने के लिए मास्क, सेनिटाइजर, समय-समय पर हाथ धोने, दो गज की दूरी आदि नियमों का पालने करने की सलाह देते हैं।
हमारे समाज में जब तक यह जागृति हर स्तर पर नहीं पहुंचेगी, हम कोरोना को पूरी तरह से नहीं हरा सकते हैं। बचपन से लोगों को स्कूल में नागरिक कर्तव्य के बारे में पढाया जाता है। सामाजिक दायित्व को समझाया जाता है। सही अर्थो में कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक दायित्व का पालन करना बेहद जरूरी है। समाज से राज्य और राज्य से देश प्रभावित होता है। सरकारी स्तर पर जो कार्य होने हैं, वह हो रहा है। हर नागरिक और समाज का दायित्व है कि वह कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन करे।
हमें यह समझना होगा कि अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर नहीं जा रहा तब तो ठीक है, लेकिन अगर कोई एक भी व्यक्ति ऑफिस के काम के लिए या अन्य जरूरी काम के लिए घर से बाहर जा रहा है, तो वह बाहर से संक्रमण ला सकता है। हो सकता है वो खुद एसिम्प्टोमैटिक हों और घर के बाकी बड़े लोगों को संक्रमित कर दें। इसलिए बहुत जरूरी है कि लोग मास्क पहनें।