नई दिल्ली। हाल में पतंजलि के स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने एलोपैथी को लेकर जो बयान दिया था, उसके बाद पूरी चर्चा एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की हो गई है। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅक्टर हर्षवर्धन ने भी स्वामी रामदेव को पत्र लिखा था। उनसे माफी मांगने को कहा था। अब ताजा खबर यह है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वामी रामदेव को एक हजार करोड रूपये का नोटिस दिया है।
बता दें कि आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए छह पृष्ठों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी तथा एसोसिएशन से जुडे करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है । योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत ‘आपराधिक कार्रवाई’ बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ‘लिखित माफी’ की मांग की गयी है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रू का मुआवजा मांगा जाएगा ।
असल में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी तथा ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाडे़ के भीतर माफी मांगने अथवा 1000 करोड़ रू का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है । नोटिस में रामदेव से कोविड-19 की प्रभावी दवाई के रूप में प्रचारित अपनी फर्म के उत्पाद ‘कोरोनिल किट’ से संबंधित ‘भ्रामक’ विज्ञापन को हटाने को भी कहा गया है । नोटिस के अनुसार, ऐसा न होने की स्थिति में आइएमए द्वारा योगगुरू के खिलाफ प्राथमिकी और एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा ।
इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है । सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी ।