होम आइसोलेशन के दौरान कुछ खास सावधानियां का ध्यान रखना जरूरी …..

जल्द स्वस्थ होने व परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिये उठायें ये कदम जिले में 97.87 फीसदी संक्रमित मरीज फिलहाल होम आइसोलेशन में इलाजरत कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।

जिले में 97.87 फीसदी संक्रमित मरीज फिलहाल होम आइसोलेशन में इलाजरत
कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण का प्रसार जिस तेजी से हो रहा है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति कहीं और कभी भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है। संतोषजनक बात यह है कि जिले के अधिकांश मरीज एसिम्टेमेटिक हैं। मतलब उनमें रोग संबंधी कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखता। यही कारण है कि फिलहाल लगभग 97.87 फीसदी संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में इलाजरत हैं। जिले में कुल संक्रमितों की संख्या में 1082 है। इसमें 1059 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है। इसका अनुपालन जरूरी है। ताकि संक्रमित व्यक्ति जल्द स्वस्थ होकर अपने काम पर लौट सकें। साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों का भी संक्रमण से बचाव किया जा सके।

– सावधानी है संक्रमण से बचाव का जरिया:
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिये डब्ल्यूएचओ द्वारा जरूरी गाइडलाइन्स भी बताए गए हैं। सिविल सर्जन डॉ एपमी गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा घर में किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के तुरंत बाद उनके लिये घर में अलग कमरा चिह्नित किया जाना चाहिये। घर का होई हवादार कमरा इसके लिये उपयुक्त है। कमरा को तत्काल आइसोलेट किया जाना चाहिये। संक्रमित मरीज घर के अन्य सदस्यों को पर्याप्त दूरी बना कर रखनी चाहिये। बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिये घर के किसी एक व्यक्ति को चिह्नित कर लिया जाना चाहिये। ध्यान रहे कि बीमार व्यक्ति का ख्याल रखने वाला दूसरा पारिवारिक सदस्य का बाहरी लोगों से संपर्क सीमित होना चाहिये। साथ ही उनका पूरी तरह स्वस्थ होना जरूरी है। हाई रिस्क आयु वर्ग के लोगों को इस दायित्व से मुक्त रखना चाहिये।

– बीमार व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजों का अलग करना जरूरी:

सिविल सर्जन डॉ गुप्ता ने बताया बीमार व्यक्ति के कमरे में प्रवेश से पूर्व मास्क लगाना अनिवार्य है। उनके लिये उपयोग की तमाम चीजों का अलग किया जाना चाहिये। उनके लिये अलग थाली, ग्लास, होना जरूरी है। इतना ही नहीं बीमार व्यक्ति के संपर्क व उपयोग में लाये जाने वाले तमाम चीजों को तत्काल सैनिटाइज किया जाना चाहिए. संक्रमण के प्रसार के खतरों को कम करने के लिहाज से यह बेहद जरूरी है। वहीं रोग संबंधी लक्षणों के नियमित निगरानी जरूरी है।

– होम आइसोलेशन के दौरान इन उपायों पर अमल जरूरी:

होम आईसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति का समुचित आराम जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ गुप्ता ने कहा इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों व संतुलित आहार का सेवन के साथ-साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने वाले खाद्य पदार्थ व पेय का इस्तेमाल महत्वपूर्ण होता है। खांसते-छींकते समय मुंह को टिशु पेपर, रूमाल, तौलिया, दुपट्टा, गमछा आदि से ढंके व हाथों को साबुन से बार-बार धोयें। किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत वस्तुओं को अन्य सदस्यों के उपयोग के लिये साझा नहीं किया जाना चाहिये। इतना ही नहीं बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श के किसी औषधी का सेवन से परहेज करना चाहिये। संपर्क में आने वाले सतहों को लगातार सैनिटाइज करते रहना चाहिये। देखभालकर्ता व निकट संपर्क में रहने वाले अन्य लोग भी दैनिक रूप से अपने शरीर के तापमान व कोरोना के अन्य लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई की निगरानी जरूरी है। ऐसे करने से संक्रमित व्यक्ति जल्द स्वस्थ हो सकते हैं। साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमण के खतरों से बचाया जा सकता है।
होम आइसोलेशन के दौरान मुख्य सावधानियां
-संक्रमित व्यक्ति के लिये घर का अलग हवादार कमरा का हो चयन
-कमरा को पूरी तरह आइसोलेट किया करना जरूरी
-बीमार व्यक्ति के इस्तेमाल की सभी चीजों को अलग कीजिये
-देखभाल कर्ता बिना मास्क के उक्त कमरे में प्रवेश से बचे
-बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सतह का नियमित अंतराल पर सैनिटाइज करें
-बीमार व्यक्ति के साथ-साथ घर के सभी सदस्य शरीर के तामपान सहित रोग संबंधी अन्य लक्षणों पर रखें नजर
-बीमार व्यक्ति का ज्यादा आराम करने दें, इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करें
-नियमित आहार में रोग प्रतिरोधातम्क आहार व पेय पदार्थ को तरजीह दें
-बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा सेवन से बचें, योग प्राणायाम को नियमित अभ्यास करें