नई दिल्ली। जिसका सभी देशवासियों को इंतजार था वह पल आ गया। इसरो ने भारत का नाम अंतरिक्ष की दुनिया में अमर कर दिया। पिछली असफलता को पीछे छोड़ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने इस बार चांद को मुट्ठी में करने की अपनी कसम को पूरी कर ली। चांद की मिट्टी को चूमने के लिए चंद्रयान 3 शान से उतर गया है। कड़ी उड़ान रिहर्सल के बाद 14 जुलाई को चंद्रमा पर चंद्रयान श्रृंखला का तीसरा मिशन इसरो ने लॉन्च किया था। अब 40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 3 ने चांद के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है।
इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग पर दक्षिण अफ्रीका से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हमें बहुत गर्व होता है। ये नए भारत का सूर्योदय है। ‘मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया।”
Historic day for India's space sector. Congratulations to @isro for the remarkable success of Chandrayaan-3 lunar mission. https://t.co/F1UrgJklfp
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2023
उन्होंने कहा, ”आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस क्षण के लिए वर्षों से इतना परिश्रम किया। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे, कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।”
चंद्रयान-2 से मिले सबक को सीखकर इसरो ने चंद्रयान-3 के साथ आगे अपने कदम बढ़ाए। चंद्रयान-3 मिशन के लिए प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को तब तक ले जाएगा जब तक कि अंतरिक्ष यान 100 किमी चंद्र कक्षा में न हो जाए। उसके बाद, लैंडर अलग हो गया और मंज़िनस क्रेटर के पास सॉफ्ट लैंडिंग का लक्ष्य रखा। खतरों का पता लगाकर मशीनरी को सुरक्षित रखने में मदद करने के साथ ही चंद्रयान-3 को कई उन्नत तकनीकों के साथ डिजाइन किया गया। लैंडिंग पैरों को और मजबूत किया गया है, जिससे सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास आसान हो जाए।