भारत कौशल-आधारित सीखने की संरचना स्थापित कर रहा है : धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री (MSDE) श्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नई दिल्ली में फ्यूचर स्किल्स फोरम में भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित छात्रों के लिए रोजगार कौशल पाठ्यक्रम के डिजिटल संस्करण का अनावरण किया।

असल में, द फ्यूचर स्किल्स फोरम – फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (FRSN) की एक पहल है, जो QUEST एलायंस, एक्सेंचर, सिस्को और जेपी मॉर्गन का एक सहयोगी प्रयास है। यह युवाओं को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कौशल हासिल करने में मदद करने के लिए सरकारी कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों, उद्योग और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी भागीदारों को एक साथ लाता है। डिजिटल पाठ में वित्तीय और डिजिटल साक्षरता, विविधता और समावेश, करियर विकास, लक्ष्य निर्धारण और उद्यमिता पर मॉड्यूल शामिल हैं। ये उन्नत ES पाठ्यक्रम से तैयार किए गए हैं,जिसे सितंबर 2022 में MSDE द्वारा लॉन्च किया गया था।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “भारत एक कौशल-आधारित सीखने की संरचना स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो छात्रों के बीच ज्ञान-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम चल रहे परिवर्तनों के संदर्भ में आजीवन सीखने पर पुनर्विचार करें और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण करें, जो भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में योगदान देगा।

वक्ताओं ने कहा कि किसी भी समय, कहीं भी सीखने की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से, ये मॉड्यूल भारत सरकार के भारत कौशल पोर्टल के साथ-साथ अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से 2.5 मिलियन शिक्षार्थियों के लिए सुलभ होंगे। सक्रिय उद्योग योगदान के साथ विकसित, पाठ्यक्रम में बाइट-साइज़, गेमिफाइड प्रारूप में 12 मॉड्यूल शामिल हैं और प्रत्येक पाठ के बाद मूल्यांकन किया जाता है। इससे शिक्षार्थियों को उनके सीखने की गहराई का आकलन करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मॉड्यूल में कहानी सुनाने का तरीका शिक्षार्थियों को संबंधित परिदृश्य प्रदान करता है, जिसे वे वास्तविक दुनिया की स्थितियों में लागू कर सकते हैं।

क्वेस्ट एलायंस के सीईओ आकाश सेठी ने बताया कि डिजिटल पाठ शिक्षार्थियों के लिए बेहद उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि युवा प्रौद्योगिकी की ओर आकर्षित होते हैं, जो उन्हें कौशल सीखने और फिर से सीखने का स्थान प्रदान करती है। इसकी उन्हें भविष्य के लिए जरूरत होगी। इसलिए यह जरूरी है कि युवा आजीविका के साथ काम करने वाला कोई भी हितधारक इस बदलते परिदृश्य को समझे।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में मिश्रित शिक्षण जैसे नवीन शैक्षणिक मॉडल पेश करने में डिजिटल पाठ सहायक होंगे, जो शिक्षकों को 21 वीं सदी की कक्षाओं का निर्माण करने और उनका नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाएंगे।

रोजगारपरक स्किल्स की जरूरत के बारे में बताते हुए जे.पी. मॉर्गन में एशिया पैसिफिक के लिए परोपकार की प्रमुख मनीषा चड्ढा ने कहा, “हम भारत में कार्यबल की तैयारी के समर्थन में इस उन्नत स्किलिंग प्रोग्राम पर काम करके बहुत खुश हैं। हमारा मानना है कि सकारात्मक नई चीजों को अपनाना महत्वपूर्ण है। शिक्षण रणनीतियों और उपकरणों को कक्षा में यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे तकनीकी प्रशिक्षण और शैक्षिक संस्थानों में रोजगार कौशल प्रभावी ढंग से प्रदान किए जाते हैं। संचार, टीम वर्क, स्व-शिक्षण, महत्वपूर्ण सोच और समस्या-समाधान जैसे कौशल लाखों वंचित युवाओं को दुनिया में संक्रमण में मदद करेंगे। हम आत्मविश्वास के साथ काम करें।