भारत का एग्रोकेमिकल निर्यात एक दशक में तीन गुना बढ़कर 3.3 अरब डॉलर पहुंचा – एसीएफआई-डेलॉइट रिपोर्ट

 

नई दिल्ली। एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया (ACFI) ने घरेलू एग्रोकेमिकल उत्पादन को मज़बूती देने और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए सरकार से प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम, टैक्स हॉलिडे और एग्रोकेमिकल मैन्युफैक्चरिंग हब की मांग की है।

गुरुवार को आयोजित अपने 8वें वार्षिक आमसभा में एसीएफआई ने वैश्विक कंसल्टेंसी डेलॉइट के साथ एक नॉलेज पेपर जारी किया। इसका शीर्षक था “भारतीय और वैश्विक स्तर पर किसानों को गुणवत्तापूर्ण एग्रोकेमिकल उत्पाद उपलब्ध कराना”। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का एग्रोकेमिकल निर्यात वित्त वर्ष 2015 के 1.3 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 3.3 अरब डॉलर हो गया है। इस उपलब्धि के साथ भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।

हालाँकि, इस क्षेत्र की कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भरता चिंता का विषय बनी हुई है। विलोवुड के प्रबंध निदेशक पारिक्षित मुंध्रा ने कहा, “तकनीकी इनपुट्स के लिए चीन पर निर्भरता रणनीतिक जोखिम पैदा करती है। भू-राजनीतिक तनाव या फैक्ट्री बंद होने से आपूर्ति बाधित हो सकती है।”

रिपोर्ट में कहा गया कि कई उच्च मूल्य के तकनीकी तत्व देश में पर्याप्त मात्रा में निर्मित नहीं हो पा रहे हैं, जिसका कारण तकनीक की कमी, ऊँची लागत और पर्यावरणीय चुनौतियाँ हैं। इसे दूर करने के लिए एसीएफआई ने पब्लिक-प्राइवेट आरएंडडी सहयोग, एमएसएमई समर्थन और टिकाऊ फसल सुरक्षा समाधान को बढ़ावा देने वाली नीतियों की सिफारिश की।

कृषि आयुक्त और पंजीकरण समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु-संवेदनशील कृषि के लिए “आउटपुट-आउटकम आधारित दृष्टिकोण” अपनाना ज़रूरी है। इसके तहत जलवायु और कीट प्रतिरोधी बीज किस्मों के साथ नवीन एग्रोकेमिकल्स विकसित करने की आवश्यकता है।

डेलॉइट इंडिया के पार्टनर–एग्री बिज़नेस राजीव रंजन ने सुझाव दिया कि सरकार को उन महत्वपूर्ण एक्टिव इंग्रेडिएंट्स और इंटरमीडिएट्स के लिए विशेष पीएलआई योजना लानी चाहिए, जिन्हें बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है।

बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी साइमन वीबश ने कहा कि “मेक इन इंडिया प्रोत्साहन, नियामकीय सहयोग और निर्यात पंजीकरण मानकों में सहजता से बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारतीय कंपनियों को तकनीक हस्तांतरित कर रही हैं।”

एसीएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल धनुका ने कहा कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस बेहद महत्वपूर्ण है।

गोडरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बुरजिस गोदरेज ने एग्रोकेमिकल मैन्युफैक्चरिंग पार्क, साझा अनुसंधान एवं विकास और एमएसएमई क्षमता निर्माण जैसी पहलों पर जोर दिया, ताकि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल कर सके।