नई दिल्ली। ड्रोन निर्माता आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने घोषणा की है कि देश में खेती के अचूक तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने के लिए उसने स्विट्ज़रलैंड फोटोग्राममेट्री सॉफ्टवेयर तकनीक में विशेषज्ञता हासिल कंपनी पिक्स4डी के साथ हाथ मिलाया है। दो कंपनियों के बीच हुए इस समझौते पर आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक और निदेशक दीपक भारद्वाज ने कहा, “देश में इस समय कृषि-ड्रोन क्रांति चल रही है और धीरे-धीरे हम सटीक खेती (प्रिसिशन फार्मिंग) की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी साझेदारी का उद्देश्य ड्रोन की सहायता से फसलों के स्वास्थ्य की देख-भाल के बारे में जागरूकता पैदा करना है।”
साझेदारी के उद्देश्य बताते हुए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक और निदेशक अनूप उपाध्याय ने कहा, “शुरुआत में हम इंडस्ट्री, शोधकर्ताओं और अकादमिक वर्गों में जागरूकता पैदा करना रहेगा, जिसके बाद में किसानों के बीच भी विस्तार किया जाएगा।” साझेदारी के पीछे तर्क स्पष्ट करते हुए पिक्स4डी के भारत एवं दक्षिण एशिया के लिए मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी मितुल अरोड़ा ने कहा, “हर कोई अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ढला और एक ही स्थान से समाधान चाहता है।
भारत के कृषि क्षेत्र में जबरदस्त परिवर्तन हो रहा है और तकनीक को अभूतपूर्व गति से अपनाया जा रहा है। इससे सुनहरे अवसरों का रास्ता खुलता है और इस साझेदारी से कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में तकनीक के और भी गहरे एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। आयोटेकवर्ल्ड भारत के सर्वप्रथम डीजीसीए टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त कृषि ड्रोन ‘एग्रीबोट’ का विनिर्माता और इस सेगमेंट की पायनियर) है। वहीं स्विट्ज़रलैंड में मुख्यालय वाली पिक्स4डी को खेती के ‘उन्नत प्रति चित्रण’ (एडवांस मैपिंग) में उपयोग होने वाले अत्याधुनिक समाधान इसके पिक्स4डी फ़ील्ड्स सॉफ्टवेयर के लिए जाना जाता है। सॉफ्टवेयर फसल के हवाई विश्लेषण और डिजिटल खेती के लिए आरजीबी और मल्टीस्पेक्ट्रल डाटा को संसाधित (प्रोसेस) करता है। विभिन्न महाद्वीपों के 7 देशों में फैले पिक्स4डी के कार्यालयों से उन देशों के साथ-साथ पड़ोसी देशों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है।
आयोटेकवर्ल्ड और पिक्स4डी ने संयुक्त रूप से “ड्रोन के माध्यम से फसल स्वास्थय निगरानी के लिए भारत की सबसे बड़ी वर्कशॉप” का आयोजन किया था, जिसमें पिक्स4डी जापान के कोडी सोककप्पा मुख्य प्रशिक्षक (लीड इंस्ट्रक्टर) थे। कार्यक्रम में लगभग 70 विशिष्ट व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से अधिकांश सरकारी संस्थानों के वैज्ञानिक थे। साथ ही सिंजेंटा और बीएएसएफ सहित सुप्रसिद्ध फसल सुरक्षा फर्मों के शोधकर्ताओं ने भी वर्कशॉप में भाग लिया। धानुका समूह द्वारा समर्थित आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने हाल ही में उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख ‘इफको’ को 500 ड्रोन आपूर्ति का सबसे प्रतिष्ठित क्रय-आदेश आयोटेकवर्ल्ड को प्राप्त हुआ था, जो कि नैनो-डीएपी एवं नैनो-यूरिया को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में व्यवसाय के अवसरों के निर्माण के लिए 2500 कृषि-ड्रोन खरीदने की योजना पर कार्य कर रही है।
इस साल की शुरुआत में देश भर में कृषि क्षेत्र में ड्रोन छिड़काव तकनीक की शुरुआत के लिए कंपनी ने सिंजेंटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईपीएल) के साथ साझेदारी भी की। समझौते के तहत दोनों कंपनियां ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेत में ड्रोन उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित कर उनके लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की दिशा में कार्य करेंगी। कृषि क्षेत्र में भारत सरकार भी प्रौद्योगिकी के बृहद उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इस दिशा में प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने स्वंत्रतता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि सरकार जल्द ही एक योजना की शुरू करेगी, जिसमें 15,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और उनकी मरम्मत करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।