नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना टीकाकरण महाअभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व का सम्मान कर रहा है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री देश के वैज्ञानिक, डॉक्टर, वैक्सीन निर्माता और स्वास्थ्यकर्मियों के मेहनत को इसका श्रेय दे रहे हैं। लालकिले के प्राचीर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री देश की प्रत्येक जनता को धन्यवाद दे रहे हैं। जाने माने डॉक्टर वैक्सीन के मामले में देश की आत्मनिर्भरता की बात करते हुए बता रहे हैं कि पूर्व के अनुभव से लाभ मिला और देश ने यह मुकाम हासिल किया है।
इसके साथ ही टीकाकरण अभियान के प्रबंधन की बात करें, तो इस महाअभियान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के करीब दर्जन भर अधिकारियों ने दिन-रात मेहनत करके इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा खाका बनाया। प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृहमंत्रालय सहित देश के करीब 19 मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी इसमें अपना योगदान दिया।
भले ही मीडिया के माध्यम से जनता के सामने केंद्रीय सचिव राजेश भूषण और संयुक्त सचिव लव अग्रवाल सबसे अधिक दिखे। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में कई दूसरे अधिकारी हैं, जो कोरोना महामारी की शुरूआत से लेकर आज तक इसके लिए काम कर रहे हैं। बिना थके, बिना रूके। अतिरिक्त सचिव डॉ मनोहर अगनानी, डॉ वंदना गुरनानी, आरती आहूजा संयुक्त सचिव पद्मजा सिंह, टीकाकरण विभाग के डॉ एमके अग्रवाल, डॉ वीणा धवन, पीआईबी की डायरेक्टर मनीषा वर्मा जैसे अधिकारी रहे हें। इन अधिकारियों के साथ इनकी पूरी टीम ने सप्ताह के सातों दिन बिना रूके हुए कार्य किया है।
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि भारत जैसे विविधता से भरे देश की विशाल 1.3 अरब आबादी को टीका लगाना एक बड़ी चुनौती है। यह भारत के वैज्ञानिक कौशल का प्रमाण था कि यह भारत में विकसित और निर्मित दो टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड के साथ महामारी के खिलाफ जंग की शुरुआत कर दी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये तमाम ऐसे अधिकारी रहे हैं, जिनकी पूरी टीम हर समय काम पर लगी रहती है। बिना किसी अवकाश के तमाम काम होते रहे हैं। इन अधिकारियों के निर्देशन में पूरी व्यवस्था चल रही है। सबसे खास बात यह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना महामारी और टीकाकरण अभियान से जुड़े हर अधिकारियों के लिए यह विशेष व्यवस्था कर रखा है कि जरूरत पड़ने पर कोई भी पूर्व अनुमति के उनसे मिल सकता है। कार्ययोजना पर बात कर सकता है।
इस काम में यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई दूसरी संस्थाओं ने भी मंत्रालय के अधिकारियों को अपनी ओर से मदद कर रहे हैं। कोविन पोर्टल की निगरानी के लिए लोगों को रखा गया है। अपने अपने क्षेत्र के कुशल लोगों को काम पर लगाया गया है। भारत उन देशों में पहले देशों में से एक था, जिसने फरवरी 2020 में डब्ल्यूएचओ की बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन जैसे अन्य विकसित देशों के साथ इस बीमारी से लड़ने के लिए अपना रोडमैप तैयार किया था, जिसके तुरंत बाद दुनिया में महामारी फैल गई थी। दुनिया में टीकों का सबसे बड़े उत्पादक देश के रूप में भारत जानता था कि टीका ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
कोराना टीकाकरण महाअभियान : दर्जन भर अधिकारियों के कुशल प्रबंधन का है परिणाम
किसी भी कार्य की सफलता के लिए कुशल प्रबंधन और बेहतर कार्ययोजना की आवश्यकता होती है। करीब दर्जन भर अधिकारियों ने बेहतर कार्ययोजना बनाई और उसका प्रबंधन किया। पीएमओ के निर्देशन में दिन-रात काम करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के इन अधिकारियों ने लक्ष्य को हासिल किया।