नई दिल्ली। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने बुधवार को बताया कि नीदरलैंड से आयातित ट्यूलिप बल्ब आ गए हैं और रोपण के लिए तैयार हैं। चहल ने बताया कि रोपण प्रक्रिया गुरुवार से शुरू होगी। जिसमें ट्यूलिप बल्ब नई दिल्ली के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएंगे।
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि इस वर्ष एनडीएमसी ने 5.5 लाख ट्यूलिप बल्ब आयात किए हैं, जिनमें से 3.25 लाख एनडीएमसी के लिए, 2 लाख डीडीए के लिए और 25,000 एमसीडी के लिए निर्धारित किए गए हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि इसके अलावा, एनडीएमसी ने पिछले वर्ष के 50 प्रतिशत ट्यूलिप बल्बों को लोदी गार्डन में स्थित एक विशेष संरक्षण केंद्र ’ट्यूलिप हाउस’ में सफलतापूर्वक संरक्षित किया था, जिससे प्राप्त विभिन्न आकार के 22,000 बल्ब विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लगाए गए हैं।
चहल ने बताया कि ट्यूलिप बल्ब शांतिपथ, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, कन्वेंशन सेंटर, लोदी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, सरदार पटेल मार्ग और मंडी हाउस, विंडसर प्लेस, शेरशाह सूरी मार्ग, वाइस प्रेसिडेंट हाउस राउंडबॉट और सुनहरी मस्जिद जैसे प्रमुख गोलचक्करों सहित विशिष्ट स्थानों पर लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष एक नई पहल के तहत गमलों में भी ट्यूलिप लगाए जाएंगे ताकि शहर की सुंदरता को और बढ़ाया जा सके। फरवरी से ट्यूलिप खिलने शुरू होंगे और सफेद, पीले, लाल, गुलाबी, नारंगी, बैंगनी और मिश्रित रंगों के जीवंत रंगों से शहर को सजाएंगे।
चहल ने कहा कि ट्यूलिप को सुप्तावस्था तोड़ने और अंकुरित होने के लिए दो महीने तक 5 डिग्री सेल्सियस का न्यूनतम ठंडा तापमान चाहिए। इस चुनौती का सामना करने के लिए, एनडीएमसी ने प्री-ट्रीटेड और प्री-प्रोग्राम किए गए बल्ब खरीदे हैं, जो अनियमित मौसम की परिस्थितियों में भी आसानी से जीवित रह सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एनडीएमसी 2017-18 से ट्यूलिप का रोपण कर रहा है, जब 17,000 बल्बों के साथ एक परीक्षण के रूप में शुरुआत की गई थी। यह पहल एक बड़ी सफलता साबित हुई।
इससे एनडीएमसी भारत का पहला नगर निकाय बन गया, जिसने इन बहुमूल्य फूलों को सार्वजनिक स्थानों पर लगाया। पहले ट्यूलिप केवल राष्ट्रपति भवन तक सीमित थे। उन्होंने कहा कि ट्यूलिप का रोपण एनडीएमसी के स्वच्छ, हरित और जीवंत शहर बनाने के व्यापक मिशन का हिस्सा है। चहल ने आगे बताया कि एनडीएमसी द्वारा 1,450 एकड़ हरित क्षेत्र के रखरखाव किया। इसमें नेहरू पार्क, सेंट्रल पार्क और संजय झील जैसे प्रमुख पार्क शामिल हैं । उन्होंने अंत में कहा, “ट्यूलिप न केवल लुटियंस दिल्ली की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि निवासियों और आगंतुकों को एक सकारात्मक और सुखद अनुभव प्रदान करते हैं। ये फूल वायु और धूल प्रदूषण को कम करने में भी योगदान देते हैं।