नई दिल्ली। ऐसा नहीं है कि भारत रत्न लता मंगेशकर को केवल संगीत की दुनिया से ही लगाव रहा और वो उसमें ही रमती रहीं। आपको शायद आश्चर्य होगा उनका क्रिकेट और खेल से भी बेहद लगाव रहा है। क्रिकेट को लेकर लता मंगेशकर की दीवानगी जगजाहिर है और विश्वकप 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम की जीत के लिये उन्होने निर्जल व्रत रखा था ।
सचिन तेंदुलकर को वह अपना बेटा मानती थी और वह भी उन्हें मां सरस्वती कहते थे ।यह संयोग की है कि सरस्वती पूजा के अगले दिन ही भारत की सरस्वती का देवलोकगमन हुआ ।
उन्होंने एक समय भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा था ,‘‘मैने पूरा मैच देखा और मैं काफी तनाव में थी ।’’ उन्होंने कहा था ,‘‘ जब भारतीय टीम खेलती है तो मेरे घर में सभी का कुछ न कुछ टोटका होता है । मैंने , मीना और उषा ने सेमीफाइनल के दौरान कुछ खाया पिया नहीं । मैं लगातार भारत की जीत के लिये प्रार्थना कर रही थी और भारत की जीत के बाद ही हमने अन्न जल ग्रहण किया ।’’
विश्व कप 1983 फाइनल को याद करते हुए उन्होंने कहा था ,‘‘मैं उस समय लंदन में ही थी और मैने कपिल देव और उनकी टीम को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले डिनर के लिये बुलाया था । मैने उन्हें शुभकामनायें दी ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ खिताब जीतने के बाद कपिल देव ने मुझे डिनर के लिये बुलाया था । मैने जाकर टीम को बधाई दी ।’’